
#गुमला #SAI_इंटर्नशिप_फुटबॉल : SAI NSEC कोलकाता से प्रशिक्षु कोच को पहली बार गुमला में इंटर्नशिप — खिलाड़ियों की उपलब्धियों से बढ़ी जिले की खेल पहचान
- SAI NSEC कोलकाता ने पहली बार गुमला को प्रशिक्षु कोच की इंटर्नशिप के लिए चुना
- प्रशिक्षु कोच दीपक अंतिल ने इंडोर बालिका फुटबॉल केंद्र में एक माह का सफल प्रशिक्षण दिया
- खिलाड़ियों की उपलब्धियों के कारण राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र को मिली विशेष मान्यता
- जिला प्रशासन और खेल विभाग ने विदाई समारोह में दी शुभकामनाएं
- इंटर्नशिप चयन से गुमला की खेल गतिविधियों को राष्ट्रीय पहचान मिलने लगी है
SAI कोलकाता से मिला इंटरनशिप प्रोजेक्ट, गुमला की बेटियों ने खोला रास्ता
भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI), NSEC कोलकाता द्वारा संचालित डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स कोचिंग इन फुटबॉल के तहत देशभर के प्रशिक्षु कोचों को एक माह की इंटर्नशिप के लिए भेजा जाता है। पहली बार SAI ने झारखंड के गुमला जिले में स्थित आवासीय बालिका फुटबॉल प्रशिक्षण केंद्र को इंटर्नशिप के लिए चयनित किया।
यह केंद्र इंडोर स्टेडियम गुमला में संचालित होता है, जहां बालिका खिलाड़ियों ने विभिन्न राज्य व राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। इन्हीं कारणों से SAI कोलकाता ने अपने प्रशिक्षु कोच को इस केंद्र में भेजने का निर्णय लिया।
कोच दीपक अंतिल की विदाई, मिला सम्मान और शुभकामनाएं
प्रशिक्षण अवधि समाप्त होने के बाद आज प्रशिक्षु कोच दीपक अंतिल को गुमला में विदाई समारोह आयोजित कर सम्मानपूर्वक विदा किया गया। इस दौरान जिला प्रशासन, खेल विभाग, प्रशिक्षकगण एवं खिलाड़ी उपस्थित रहे। समारोह में दीपक अंतिल को उनके योगदान के लिए आभार प्रकट किया गया और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी गईं।
खेल पदाधिकारी (गुमला) ने कहा: “यह हमारे जिले के लिए गौरव की बात है कि SAI जैसे राष्ट्रीय संस्थान ने हमें इंटर्नशिप केंद्र के रूप में मान्यता दी।”
खिलाड़ियों की मेहनत से गढ़ा गया गौरव, बढ़ी पहचान
गुमला का यह प्रशिक्षण केंद्र विगत कुछ वर्षों से राज्य के ग्रामीण इलाकों से आई बालिकाओं को संरचित फुटबॉल प्रशिक्षण दे रहा है। इन खिलाड़ियों ने कई जिलों, राज्यों और राष्ट्रीय स्तर पर पदक एवं पुरस्कार जीतकर जिले का नाम रोशन किया है। यही कारण है कि अब गुमला को राष्ट्रीय खेल संस्थानों द्वारा पहचान मिल रही है।
प्रशिक्षण केंद्र में नियमित शारीरिक अभ्यास, पोषण, अनुशासन व खेल तकनीक पर विशेष ध्यान दिया जाता है। खिलाड़ियों की मेहनत और प्रशिक्षकों की प्रतिबद्धता से यह केंद्र अब मॉडल सेंटर के रूप में उभर रहा है।

न्यूज़ देखो: गुमला की बेटियों ने गढ़ा खेल गौरव
न्यूज़ देखो की नजर में यह खबर सिर्फ एक विदाई कार्यक्रम नहीं, बल्कि गुमला जिले के लिए एक मान्यता प्राप्त उपलब्धि है। प्रशिक्षु कोच को इंटर्नशिप के लिए चयनित करना इस बात का प्रमाण है कि यहां के खेल केंद्रों की गुणवत्ता अब राष्ट्रीय स्तर पर आंकी जा रही है। स्थानीय खिलाड़ी, कोच और प्रशासन की मेहनत का यह प्रतिफल है। ऐसे प्रयासों को और मजबूत करना जरूरी है ताकि झारखंड की बेटियां भी ओलंपिक जैसे मंचों तक पहुंच सकें।
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खेल है तो कल है: साझा प्रयासों से बनेगा भविष्य
खेल न केवल शारीरिक विकास का माध्यम है, बल्कि यह बच्चों में नैतिकता, नेतृत्व और लक्ष्य की भावना भी भरता है। गुमला जैसी जगहों से जब राष्ट्रीय पहचान मिलती है, तो यह पूरे राज्य के लिए प्रेरणा बनती है।
अगर आपके आस-पास भी कोई खेल प्रतिभा है, तो उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें।
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