
#गुमला #वित्तीयजागरूकता : ग्रामीणों को योजनाओं और साइबर सुरक्षा की जानकारी मिली
- झारखंड राज्य सहकारी बैंक ने गुमला के नावाडीह पंचायत भवन में शिविर लगाया।
- शाखा प्रबंधक ने जन-धन, जीवन ज्योति और सुरक्षा बीमा योजनाओं की जानकारी दी।
- सीएफएल ट्रेनर विवेक कुमार केशरी ने साइबर फ्रॉड से बचाव के उपाय बताए।
- शिविर में 7 सुरक्षा बीमा, 10 केवाईसी और 4 आधार सीडिंग पूरे किए गए।
- बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की।
गुमला जिले के नावाडीह पंचायत भवन में शुक्रवार को झारखंड राज्य सहकारी बैंक की ओर से वित्तीय साक्षरता सह जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे और बैंकिंग योजनाओं, बीमा सेवाओं तथा डिजिटल सुरक्षा से संबंधित अहम जानकारियां प्राप्त कीं।
सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी
शाखा प्रबंधक सुधाकर कुमार सेतु ने ग्रामीणों को प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के लाभ व प्रक्रिया समझाई। उन्होंने कहा कि बैंक का उद्देश्य है कि ग्रामीण परिवार भी सरकारी योजनाओं से लाभान्वित हों और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ बने। साथ ही उन्होंने मौके पर बैंक से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान भी किया।
साइबर सुरक्षा पर जोर
साख फाउंडेशन के सीएफएल ट्रेनर विवेक कुमार केशरी ने ग्रामीणों को साइबर फ्रॉड से बचाव के उपाय बताए। उन्होंने कहा कि अज्ञात नंबरों से आए फोन कॉल, संदिग्ध लिंक और ओटीपी शेयरिंग से हमेशा बचना चाहिए। डिजिटल लेन-देन के दौरान सजग रहना ही सबसे बड़ा बचाव है।
शिविर में पूरी हुई आवश्यक कार्यवाही
शिविर के दौरान ग्रामीणों के बीच 7 सुरक्षा बीमा, 10 केवाईसी और 4 आधार सीडिंग जैसी अहम कार्यवाही पूरी की गई। इससे ग्रामीणों को बैंकिंग सेवाओं से और अधिक जोड़ने में मदद मिली।
ग्रामीणों की सहभागिता
इस आयोजन में बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए और उन्होंने बैंक के इस कदम का स्वागत किया। मौके पर बैंक बीसी समेत कई स्थानीय प्रतिनिधि भी मौजूद थे। ग्रामीणों ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से गांव में आर्थिक जागरूकता बढ़ती है।
न्यूज़ देखो: गांव-गांव तक वित्तीय साक्षरता जरूरी
गुमला में आयोजित यह शिविर न केवल सरकारी योजनाओं की जानकारी देने का माध्यम बना, बल्कि साइबर सुरक्षा जैसे अहम विषय पर ग्रामीणों को सजग भी किया। यह पहल वित्तीय समावेशन को मजबूती देती है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास की दिशा में बड़ा कदम साबित होती है।
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जागरूक नागरिक, मजबूत समाज
जब गांव-गांव में हर व्यक्ति योजनाओं और बैंकिंग सेवाओं से जुड़ जाएगा, तभी असली आर्थिक सशक्तिकरण संभव होगा। अब वक्त है कि हम सभी इस बदलाव में अपनी भूमिका निभाएं।
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