
#डुमरी #आंगनबाड़ी – बारिश में टपकती छतें, दरकती दीवारें… बच्चों की जान से खिलवाड़ बनता प्रशासनिक उपेक्षा का प्रतीक
- डुमरी प्रखंड के कई पंचायतों में आंगनवाड़ी भवन बेहद जर्जर हालत में
- बारिश में छतों से पानी टपकता है, दीवारें दरकने से बच्चों पर खतरा मंडराता है
- ग्रामीणों ने BDO को सौंपा ज्ञापन, शीघ्र कार्रवाई की मांग
- सेविकाएं मजबूरन बच्चों को खुले में पढ़ाने को विवश
- प्रखंड विकास पदाधिकारी ने मरम्मत-निर्माण के लिए सूची बनाने की बात कही
ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, बोले- बच्चों की सुरक्षा से मत कीजिए खिलवाड़
गुमला जिले के डुमरी प्रखंड में स्थित कई आंगनवाड़ी केंद्र जर्जर हाल में पहुंच चुके हैं, जहां बच्चों को बैठाना खुद एक जोखिम है। भवनों की हालत इतनी खराब है कि बारिश होते ही छतें टपकने लगती हैं, और दीवारों में दरारें बढ़ती जा रही हैं।
“बरामदे में पढ़ाना पड़ता है बच्चों को…” – सेविकाओं की पीड़ा
स्थानीय निवासी रतन महतो ने बताया,
“हमारे गांव का आंगनवाड़ी भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। वहां बच्चों को बैठाना खतरे से खाली नहीं है।”
एक आंगनवाड़ी सेविका सुमति देवी ने कहा,
“बारिश के दिनों में हम बच्चों को बाहर पेड़ के नीचे या किसी के बरामदे में पढ़ाने को मजबूर होते हैं। सरकार बच्चों के पोषण और शिक्षा की बात करती है, लेकिन यहां तो मूलभूत सुविधाओं की ही भारी कमी है।”
अधिकारियों से की मांग, पर कार्रवाई शून्य
ग्रामीणों ने बीडीओ कार्यालय को ज्ञापन सौंपकर नए भवन निर्माण की मांग की है। उनका कहना है कि सरकार यदि बच्चों के पोषण और शिक्षा के प्रति संजीदा है, तो इस तरह की उपेक्षा अस्वीकार्य है।
प्रशासन का जवाब—फंड मिलते ही होगा कार्य
प्रखंड विकास पदाधिकारी, डुमरी ने मामले पर कहा,
“क्षतिग्रस्त आंगनवाड़ी केंद्रों की सूची तैयार की जा रही है। इसे जल्द ही जिला प्रशासन को भेजा जाएगा। फंड उपलब्ध होते ही मरम्मत या नया निर्माण कराया जाएगा।”

न्यूज़ देखो : हर बच्चा हकदार है सुरक्षित शिक्षा का माहौल
बच्चों की सुरक्षा और पोषण का दावा करने वाली योजनाएं तब तक अधूरी रहेंगी, जब तक उनके लिए सुरक्षित आंगनवाड़ी केंद्र नहीं होंगे। ‘न्यूज़ देखो’ ग्रामीणों की इस आवाज को मंच देता है और प्रशासन से अपील करता है कि डुमरी के मासूमों के लिए जल्द से जल्द सुरक्षित भवन निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं।