#पलामू #शिबू_सोरेन : झामुमो नेता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जताया शोक
- झारखंड ने खोया अपना सच्चा सपूत, कहा आशुतोष विनायक।
- दिशोम गुरु का जीवन संघर्ष और बलिदान का प्रतीक, बना प्रेरणा।
- राजनीति को बनाया संघर्ष का औजार, सत्ता का माध्यम नहीं।
- हक और सम्मान की लड़ाई का संदेश, करोड़ों लोगों को दिया साहस।
- गुरुजी की स्मृतियां और सिद्धांत रहेंगे पथप्रदर्शक, झारखंड के लिए संकल्प।
झामुमो नेता आशुतोष विनायक ‘लाल बाबू’ ने पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी अस्मिता के प्रतीक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि आज का दिन झारखंड के लिए बेहद दुखद है। राज्य ने अपने सच्चे सपूत और मार्गदर्शक को खो दिया है।
संघर्ष और बलिदान की मिसाल थे शिबू सोरेन
आशुतोष विनायक ने कहा कि शिबू सोरेन का जीवन संघर्ष, बलिदान और जनसेवा को समर्पित रहा। वे सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि एक विचारधारा, एक आंदोलन और एक युग थे।
आशुतोष विनायक ने कहा: “उन्होंने झारखंड की आत्मा को स्वर दिया और अपना सम्पूर्ण जीवन समाज और राज्य की भलाई के लिए समर्पित कर दिया। उनका जीवन संघर्ष सदैव हमारे लिए प्रेरणा बना रहेगा।”
राजनीति का नया दृष्टिकोण
उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन ने राजनीति को सत्ता का माध्यम नहीं, बल्कि संघर्ष का औजार बनाया। उन्होंने हमें सिखाया कि हक और सम्मान की लड़ाई कभी अकेले नहीं लड़ी जाती।
आशुतोष विनायक ने कहा: “उनकी राजनीति जनभावनाओं की राजनीति थी, जिसने करोड़ों लोगों को जुड़ने का साहस दिया। झारखंड की माटी उनका कर्ज कभी नहीं चुका पाएगी, लेकिन उनके सपनों का झारखंड बनाना ही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”
न्यूज़ देखो: गुरुजी का सपना हमारा संकल्प
शिबू सोरेन का जाना झारखंड के इतिहास में एक अमिट शून्य छोड़ गया है। लेकिन उनकी विचारधारा, सिद्धांत और संघर्ष की गूंज आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
गुरुजी की विरासत पर हम सबको चलना होगा
अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम गुरुजी के दिखाए रास्ते पर चलकर समानता, न्याय और अधिकार का झारखंड बनाएं। इस खबर को अधिक से अधिक साझा करें और कॉमेंट में अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करें।