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गुरुजी का निधन पार्टी और राज्य के लिए अपूरणीय क्षति, उनकी जीवनी को पाठ्यक्रम में जोड़ा जाए – धीरज दुबे

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#रांची #धीरजदुबे : झामुमो नेता ने शिबू सोरेन के योगदान को पाठ्यक्रम में शामिल करने की रखी मांग
  • धीरज दुबे ने गुरुजी के निधन को झारखंड की बड़ी क्षति बताया।
  • उनकी जीवनी को स्कूली और उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में जोड़ने की अपील।
  • गुरुजी का जीवन संघर्ष और समर्पण की मिसाल रहा।
  • उन्होंने जल, जंगल, जमीन और आदिवासी अस्मिता के लिए किया संघर्ष।
  • राज्य सरकार और शिक्षा विभाग से अपील की गई।

झारखंड आंदोलन के प्रणेता और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक संरक्षक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। इसी क्रम में झामुमो मीडिया पैनलिस्ट सह केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे ने गहरा शोक व्यक्त किया और गुरुजी को युगपुरुष बताते हुए कहा कि उनका जीवन संघर्ष और समर्पण की मिसाल है।

गुरुजी के जीवन से सीख

धीरज दुबे ने कहा कि शिबू सोरेन ने झारखंड राज्य के निर्माण के लिए जो ऐतिहासिक संघर्ष किया, वह स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने न केवल राजनीतिक नेतृत्व किया, बल्कि समाज को दिशा दी और आदिवासी अस्मिता को राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई।

धीरज दुबे ने कहा: “गुरुजी केवल एक राजनेता नहीं थे, वे झारखंड की आत्मा थे। उन्होंने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष किया। उनका जीवन नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा है।”

शिक्षा में शामिल हो गुरुजी की गाथा

धीरज दुबे ने कहा कि जिस तरह महापुरुषों के जीवन प्रसंग विद्यालयों में पढ़ाए जाते हैं, उसी तरह शिबू सोरेन के विचार और संघर्ष की गाथा भी छात्रों को पढ़ाई जानी चाहिए। उनका मानना है कि आने वाली पीढ़ी को इतिहास और संस्कृति से जोड़ने के लिए यह जरूरी है।

धीरज दुबे ने अपील की: “राज्य सरकार और शिक्षा विभाग गुरुजी के जीवन पर आधारित सामग्री तैयार कर उसे स्कूली और उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल करें। यह पहल छात्रों को प्रेरित करेगी और झारखंडी अस्मिता को सशक्त बनाएगी।”

गुरुजी का व्यापक योगदान

धीरज ने कहा कि गुरुजी का जीवन केवल झारखंड तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने पूरे देश में हाशिए पर पड़े समाजों की आवाज़ उठाई। चाहे संसद में जनहित की लड़ाई हो या झारखंड में आदिवासी अधिकारों की बात, गुरुजी हमेशा जनता के पक्ष में मजबूती से खड़े रहे।

श्रद्धांजलि का सही अर्थ

धीरज दुबे ने कहा कि गुरुजी को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उनकी विचारधारा को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि गुरुजी का योगदान हमेशा अमर रहेगा और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा देता रहेगा।

न्यूज़ देखो: विचारों को पीढ़ी तक पहुँचाने का संकल्प

शिबू सोरेन जैसे महानायक केवल इतिहास का हिस्सा नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उनकी जीवनी को शिक्षा प्रणाली में शामिल करना न केवल ज्ञान का विस्तार है, बल्कि झारखंड की अस्मिता को मजबूत करने का प्रयास भी है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अब समय है बदलाव का हिस्सा बनने का

गुरुजी के विचार हमें सामाजिक न्याय और समानता का संदेश देते हैं। आइए, हम सब मिलकर इस संदेश को फैलाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएं ताकि यह पहल एक जनआंदोलन का रूप ले सके।

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