
#पलामू #श्रद्धांजलि : झामुमो नेता ने शिबू सोरेन को नमन करते हुए कहा – विचारधारा अमर रहेगी
- झामुमो नेता सन्नी शुक्ला ने जताया गहरा शोक।
- दिसोम गुरु शिबू सोरेन को बताया झारखंड की आत्मा की आवाज।
- धरती आबा बिरसा मुंडा के सपनों को साकार करने वाला बताया।
- गरीब, किसान और आदिवासी हितों के लिए समर्पित जीवन को किया याद।
- झामुमो कार्यकर्ताओं ने विचारधारा आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
पलामू के झामुमो नेता सन्नी शुक्ला ने झारखंड के जनक और आदिवासी अस्मिता के प्रतीक दिसोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका जाना एक युग का अंत है। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन जी केवल एक नेता नहीं थे, बल्कि झारखंड की आत्मा की आवाज थे।
संघर्ष और विचारधारा का अमिट प्रतीक
सन्नी शुक्ला ने कहा कि गुरुजी का जीवन पूरी तरह जनसेवा और संघर्ष को समर्पित रहा। उन्होंने गरीब, आदिवासी, किसान और मजलूमों के अधिकारों के लिए निरंतर लड़ाई लड़ी।
सन्नी शुक्ला ने कहा: “झारखंड राज्य के निर्माता, जनआंदोलनों के अमिट प्रतीक दिसोम गुरु शिबू सोरेन जी का जाना केवल एक नेता का नहीं, बल्कि एक विचारधारा का अंत है। हम उनके मार्गदर्शन को हमेशा याद रखेंगे।”
उन्होंने कहा कि गुरुजी ने धरती आबा बिरसा मुंडा के सपनों को धरातल पर उतारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका साहस, नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शिता झारखंड को एक पहचान दिलाने में निर्णायक रही।
गुरुजी के दिखाए मार्ग पर संकल्प
सन्नी शुक्ला ने कहा कि गुरुजी की दूरदर्शिता ने राज्य को स्वाभिमान और अधिकार की राह दिखाई। उनकी प्रेरणा हमेशा झारखंडवासियों के दिलों में जीवित रहेगी। झामुमो कार्यकर्ता उनके सिद्धांतों और आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए संकल्पित हैं।
न्यूज़ देखो: संघर्ष और संकल्प का अमर प्रतीक
दिसोम गुरु शिबू सोरेन की विरासत यह संदेश देती है कि अधिकार और न्याय के लिए संघर्ष कभी व्यर्थ नहीं जाता। उनकी विचारधारा आने वाली पीढ़ियों को सामाजिक न्याय के लिए प्रेरित करती रहेगी।
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प्रेरणा का स्रोत बनकर रहेंगे गुरुजी
शिबू सोरेन जी का जीवन हमें सिखाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी हक और न्याय के लिए लड़ना ही सच्चा नेतृत्व है। आइए हम सब उनकी विचारधारा को आगे बढ़ाने का संकल्प लें। इस खबर को शेयर करें और अपनी श्रद्धांजलि कॉमेंट में व्यक्त करें।