
#बरवाडीह #वन्यजीव_दुर्घटना : पीटीआर क्षेत्र में तेज रफ्तार वाहन बना वन्यजीव की मौत का कारण।
बरवाडीह प्रखंड के कुटमू गांव में गुरुवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां अज्ञात वाहन की टक्कर से एक हनुमान की मौके पर ही मौत हो गई। घटना बरवाडीह–कुटमू मुख्य मार्ग पर छठु प्रसाद के घर के समीप हुई। सूचना मिलने पर वन विभाग की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक हनुमान की मौत हो चुकी थी। यह घटना पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र में वन्यजीवों की सुरक्षा और वाहन गति नियंत्रण को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है।
- बरवाडीह–कुटमू मुख्य मार्ग पर अज्ञात वाहन की टक्कर से घटना।
- कुटमू गांव के पास सड़क पर उछल-कूद कर रहा था हनुमान।
- वनपाल संतोष सिंह ने घटना की पुष्टि की।
- वनरक्षी धीरज कुमार के नेतृत्व में पहुंची रेस्क्यू टीम।
- विभागीय प्रक्रिया के तहत जंगल में शव दफन किया गया।
- अधिकारियों ने 20 किमी प्रति घंटा की गति सीमा का पालन करने की अपील की।
बरवाडीह प्रखंड अंतर्गत कुटमू गांव में गुरुवार को वन्यजीव संरक्षण से जुड़ी एक चिंताजनक घटना सामने आई। बरवाडीह–कुटमू मुख्य मार्ग पर छठु प्रसाद के घर के समीप सड़क पर उछल-कूद कर रहे एक हनुमान को अज्ञात वाहन ने जोरदार टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद क्षेत्र में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया और स्थानीय लोग सड़क किनारे जमा हो गए।
कैसे हुई घटना
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हनुमान अचानक सड़क पर आ गया था और इधर-उधर उछल-कूद कर रहा था। इसी दौरान तेज रफ्तार से गुजर रहे किसी अज्ञात वाहन ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि हनुमान सड़क पर ही गिर पड़ा और कुछ ही क्षणों में उसकी मौत हो गई। वाहन चालक घटना के बाद मौके से फरार हो गया।
वन विभाग को दी गई सूचना
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचित किया। वनपाल संतोष सिंह ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि सूचना मिलते ही वनरक्षी धीरज कुमार के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया।
वनपाल संतोष सिंह ने कहा: “सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम को भेजा गया, लेकिन दुर्भाग्यवश टीम के पहुंचने से पहले ही हनुमान की मौत हो चुकी थी।”
विभागीय प्रक्रिया के तहत शव का निपटान
रेस्क्यू टीम द्वारा मौके का निरीक्षण करने के बाद वन विभाग ने विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्रवाई की। मृत हनुमान के शव को जंगल क्षेत्र में विधिवत रूप से दफन किया गया, ताकि किसी प्रकार का स्वास्थ्य या पर्यावरणीय खतरा उत्पन्न न हो।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की घटनाओं में निर्धारित प्रक्रिया का पालन अनिवार्य होता है, जिससे वन्यजीवों के सम्मान और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखा जा सके।
पीटीआर क्षेत्र में बढ़ती वन्यजीव दुर्घटनाएं
यह घटना पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) क्षेत्र से गुजरने वाली सड़कों पर वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर फिर से चिंता बढ़ाने वाली है। इस मार्ग से प्रतिदिन बड़ी संख्या में भारी और हल्के वाहन गुजरते हैं। तेज रफ्तार और लापरवाही के कारण वन्यजीव अक्सर सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं।
वन विभाग के अनुसार, पीटीआर क्षेत्र में हनुमान, हिरण, जंगली सूअर सहित कई वन्यजीव सड़क पार करते समय दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। इसके बावजूद कई वाहन चालक निर्धारित नियमों का पालन नहीं करते।
गति सीमा का पालन करने की अपील
घटना को गंभीरता से लेते हुए वन विभाग एवं पीटीआर प्रशासन ने सभी वाहन चालकों से सख्त अपील की है कि वे पीटीआर क्षेत्र से गुजरते समय 20 किमी प्रति घंटा की निर्धारित गति सीमा का अनिवार्य रूप से पालन करें।
अधिकारियों ने कहा: “वन्यजीवों की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है। थोड़ी सी लापरवाही न केवल जानवरों की जान ले सकती है, बल्कि वाहन चालकों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकती है।”
स्थानीय लोगों में चिंता और नाराजगी
घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों में भी नाराजगी देखी गई। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते वाहन चालकों पर सख्ती नहीं की गई, तो ऐसी घटनाएं लगातार होती रहेंगी। ग्रामीणों ने सड़क किनारे चेतावनी बोर्ड लगाने और रात के समय निगरानी बढ़ाने की मांग भी की है।
वन्यजीव संरक्षण की जरूरत
विशेषज्ञों का मानना है कि जंगल और सड़क के बीच समन्वय के लिए दीर्घकालिक योजना की आवश्यकता है। स्पीड ब्रेकर, साइन बोर्ड, रिफ्लेक्टर और नियमित जागरूकता अभियान से ऐसी दुर्घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।
प्रशासन से अपेक्षा
वन्यजीव प्रेमियों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से अपील की है कि पीटीआर क्षेत्र में वाहनों की निगरानी के लिए नियमित पेट्रोलिंग की जाए और नियम तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो।

न्यूज़ देखो: सड़क सुरक्षा और वन्यजीव संरक्षण की चुनौती
बरवाडीह की यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि तेज रफ्तार और लापरवाही किस तरह वन्यजीवों के लिए जानलेवा बन रही है। वन विभाग की तत्परता सराहनीय है, लेकिन स्थायी समाधान के लिए सख्त निगरानी और जन-जागरूकता जरूरी है। क्या नियमों का पालन सुनिश्चित हो पाएगा, यह आने वाला समय बताएगा। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा
पीटीआर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में वाहन चलाते समय जिम्मेदारी बेहद जरूरी है। थोड़ी सी सावधानी से एक जीवन बचाया जा सकता है। इस खबर को साझा करें, अपनी राय कमेंट में दें और दूसरों को भी वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूक करें।





