लोहरदगा में वर्षों से फरार हार्डकोर नक्सली ललिंद्र महतो गिरफ्तार, रविंद्र गंझू दस्ते से था जुड़ा

#लोहरदगा #नक्सली_गिरफ्तारी : पुलिस और एसएसबी की संयुक्त छापेमारी में कुख्यात नक्सली ललिंद्र महतो उर्फ राजकुमार यादव धराया — भाकपा माओवादी के इनामी जोनल कमांडर रविंद्र गंझू के दस्ते का रह चुका है सदस्य

गुप्त सूचना पर की गई सटीक छापेमारी

लोहरदगा जिला पुलिस और सशस्त्र सीमा बल (SSB) की संयुक्त टीम को वर्षों से फरार हार्डकोर नक्सली ललिंद्र महतो उर्फ राजकुमार यादव को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता मिली है। यह कार्रवाई 10 जून 2025 को किस्को थाना क्षेत्र के करचा टोली में गुप्त सूचना के आधार पर की गई।

टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर मनीष कुमार चौबे (SSB कंपनी कमांडर किस्को) और थाना प्रभारी सुमन मिंज ने किया। नक्सली की गिरफ्तारी की पुष्टि लोहरदगा एसपी सादिक अनवर रिजवी ने की है।

भाकपा माओवादी के इनामी दस्ते से रहा संबंध

गिरफ्तार ललिंद्र महतो, सीपीआई (माओवादी) से जुड़ा है और 15 लाख के इनामी जोनल कमांडर रविंद्र गंझू के दस्ते का सक्रिय सदस्य रह चुका है। वह कई नक्सली घटनाओं में शामिल था और पिछले कई वर्षों से फरार चल रहा था।

एसपी सादिक अनवर रिजवी ने बताया: “लोहरदगा में हार्डकोर नक्सली को गिरफ्तार किया गया है। ललिंद्र महतो लंबे समय से फरार था और पुलिस को उसकी तलाश थी। गुप्त सूचना के आधार पर करचा टोली से उसे गिरफ्तार किया गया।”

कई जिलों में दर्ज हैं गंभीर मामले

ललिंद्र महतो के खिलाफ लोहरदगा, लातेहार समेत कई जिलों में नक्सली हिंसा, सुरक्षाबलों पर हमले और अन्य आपराधिक गतिविधियों के कई गंभीर मामले दर्ज हैं। वह पुलिस के वांछित अपराधियों की सूची में लंबे समय से शामिल था।

गिरफ्तारी के समय उसके पास से कोई सामग्री बरामद नहीं हुई है, लेकिन पुलिस का कहना है कि उससे पूछताछ के बाद और जानकारियां सामने आ सकती हैं।

रविंद्र गंझू की तलाश अभी जारी

भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर रविंद्र गंझू, जिस पर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित है, अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। ललिंद्र महतो की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस को उम्मीद है कि रविंद्र गंझू तक भी जल्द पहुंच बनाई जा सकेगी। उसकी गिरफ्तारी के लिए अभियान लगातार जारी है।

न्यूज़ देखो: नक्सल नेटवर्क पर सुरक्षा बलों का करारा प्रहार

न्यूज़ देखो ऐसे अभियानों को कवर कर देश के अंदरूनी सुरक्षा की तस्वीर जनता तक पहुंचा रहा है। ललिंद्र महतो जैसे कुख्यात नक्सली की गिरफ्तारी यह साबित करती है कि सुरक्षा एजेंसियां नक्सली नेटवर्क को तोड़ने के लिए हर स्तर पर सजग और तत्पर हैं। वर्षों से फरार चल रहे अपराधियों को पकड़ना कानून व्यवस्था की दृढ़ता और गुप्तचर तंत्र की मजबूती का संकेत है।
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नक्सलवाद से मुक्ति केवल प्रशासन की नहीं, समाज की भी जिम्मेदारी है। जागरूक नागरिक बनें, अपने आसपास की गतिविधियों पर नजर रखें और संदिग्ध व्यक्तियों की जानकारी तुरंत प्रशासन तक पहुंचाएं।
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