
#पलामू #तापमान44डिग्री — अप्रैल में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी, जनजीवन बेहाल और आपदा प्रबंधन सतर्क
- पलामू में अप्रैल के महीने में पहली बार तापमान पहुंचा 44 डिग्री सेल्सियस
- गढ़वा में भी दर्ज हुआ 44 डिग्री तापमान, रेन शैडो एरिया में फिर से गर्मी का चरम रूप
- 2024 में गर्मी से हुई थी बंदरों और चमगादड़ों की बड़ी मौत
- लोगों का बाहर निकलना मुश्किल, दफ्तरों और बाजारों में भी दिखा असर
- आपदा प्रबंधन विभाग ने जारी की एडवाइजरी और सतर्कता गाइडलाइन
- 2025 में अब तक का सबसे गर्म दिन दर्ज, मौसम वैज्ञानिक भी चिंतित
झुलसा देने वाली गर्मी, गढ़वा – पलामू बना गर्म हवाओं का केंद्र
पलामू में इस साल गर्मी ने अप्रैल में ही सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
21 अप्रैल को तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो कि 2025 का अब तक का सबसे गर्म दिन रहा।
रेन शैडो एरिया के रूप में पहचाने जाने वाले पलामू और गढ़वा में हर साल गर्मी चरम पर होती है, लेकिन अप्रैल में ही 44 डिग्री का तापमान दर्ज होना चिंताजनक है।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, पलामू में रविवार और सोमवार दोनों दिन 44 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया।
वहीं, 21 अप्रैल को गढ़वा में भी यही तापमान दर्ज हुआ, जिससे साफ है कि पूरा इलाका भीषण लू की चपेट में है।
पिछली गर्मियों के खौफनाक आंकड़े, फिर से दोहराने का डर
गर्मी की मार सिर्फ इंसानों तक सीमित नहीं है।
2024 की भीषण गर्मी में पलामू क्षेत्र में 32 बंदरों की जान चली गई थी, जबकि सैकड़ों चमगादड़ों की मौत भी दर्ज की गई थी।
2023 में देशभर में सबसे अधिक तापमान तीन बार पलामू में दर्ज हुआ था।
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि यह क्षेत्र लगातार जलवायु संकट का केंद्र बनता जा रहा है।
जनजीवन पर सीधा असर, बाजारों और दफ्तरों में छाया सन्नाटा
पलामू और गढ़वा के निवासी अब घर से बाहर निकलने में डरने लगे हैं।
सोमवार को कार्यालय खुलने के बाद भी उपस्थिति सामान्य से काफी कम रही।
बाजारों में भीड़ कम दिखाई दी और लोग जरूरी काम भी शाम को निपटाने लगे हैं।
दोपहर के समय सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और लोग धूप से बचने के लिए घरों में ही रहे।
आपदा प्रबंधन विभाग की चेतावनी और एहतियात
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने पलामू और गढ़वा जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है।
गाइडलाइन के अनुसार:
- दोपहर 12 से 3 बजे तक बाहर निकलने से बचें
- पानी और तरल पदार्थ का अधिक सेवन करें
- छोटे बच्चों, बुजुर्गों और पशुओं की विशेष देखभाल करें
- कामकाजी लोगों के लिए छायादार स्थानों की व्यवस्था हो
सरकारी अस्पतालों को भी लू प्रभावित मरीजों के इलाज के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
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