
#केरसई #एचडीएफसी_परियोजना : कृषि और ग्रामीण विकास में नई पहल के तहत किसानों को प्रशिक्षण, तकनीकी मार्गदर्शन और सामूहिक खेती के अवसर प्रदान किए गए
- केरसई प्रखंड में आयोजित कार्यक्रम में एच डी एफ सी परिवर्तन परियोजना का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ।
- किसानों को परियोजना परिचय हेतु बुकलेट का विमोचन और पौधा वितरण कर स्वागत किया गया।
- कार्यक्रम में वीडियो प्रस्तुति और विज़निंग एक्सरसाइज के माध्यम से खेती में संसाधनों के सही उपयोग और आय बढ़ाने के तरीकों की जानकारी।
- खरीफ, रबी और जायद तीनों मौसम में खेती, लिफ्ट इरिगेशन, सोलर सिंचाई, भूमि संरक्षण और ऑर्गेनिक खेती पर मार्गदर्शन।
- महिला समूह और सामूहिक खेती की सफलताओं को साझा किया गया और किसानों को प्रेरित किया गया कि वे सामूहिक प्रयासों से आय बढ़ाएँ।
केरसई प्रखंड में आयोजित कार्यक्रम में एच डी एफ सी परिवर्तन परियोजना का विधिवत शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। इस अवसर पर अंचल अधिकारी केरसई, उप निदेशक आत्मा, परियोजना मेंटर रंजीत कुमार सिंह, बीटीएम, बीपीएम, बीपीओ, विभिन्न पंचायतों के मुखिया, सी एल एफ की दीदियां, किसान और एफ पी ओ के बी ओ डी सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सभी अतिथियों को परियोजना परिचय हेतु बुकलेट वितरित किया गया और उन्हें पौधा देकर स्वागत किया गया।
एच डी एफ सी परियोजना का उद्देश्य और विज़निंग एक्सरसाइज
कार्यक्रम की शुरुआत वीडियो प्रस्तुति से हुई, जिसमें एच डी एफ सी परियोजना के उद्देश्य और ग्रामीण विकास में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला गया। परियोजना मेंटर रंजीत कुमार सिंह ने विज़निंग एक्सरसाइज के माध्यम से किसानों को उपलब्ध संसाधनों के सही उपयोग और आय बढ़ाने के तरीकों के बारे में बताया। उन्होंने टी सी बी और एफ एफ एस से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
रंजीत कुमार सिंह ने कहा: “संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करके किसान अपनी आय और समुदाय की समृद्धि दोनों को बढ़ा सकते हैं।”
अतिथियों का संबोधन और खेती को बढ़ावा
अंचल अधिकारी केरसई ने एच डी एफ सी परियोजना के महत्व पर जोर देते हुए किसानों को खेती पर विशेष ध्यान केंद्रित करने की प्रेरणा दी। उन्होंने ग्रामीण विकास में महिलाओं की भूमिका की सराहना करते हुए उनके योगदान को महत्वपूर्ण बताया। आत्मा के निदेशक ने सिमडेगा के संसाधनों का सही उपयोग, मिट्टी परीक्षण, किसान समृद्धि योजना, पीएम–कुसुम योजना (97% छूट) और केसीसी जैसे विषयों पर मार्गदर्शन किया।
खेती के तीन मौसम और तकनीकी प्रशिक्षण
बीटीएम ने खरीफ, रबी और जायद तीनों मौसम में खेती के अवसरों की चर्चा की। उन्होंने लिफ्ट इरिगेशन, सोलर आधारित सिंचाई, भूमि संरक्षण, मिट्टी सुधार, ऑर्गेनिक खेती और वन क्रॉप वन विलेज मॉडल अपनाने पर जोर दिया। इससे किसानों को आय बढ़ाने और सतत कृषि अपनाने की दिशा में मार्गदर्शन मिला।
सामूहिक खेती और पंचायत स्तर की पहल
जे एस एल पी एस और टी आर आई एफ के माध्यम से चयनित किसानों की सफलताएँ साझा की गईं। नेल्सन लकड़ा और अन्य किसानों ने बताया कि एफ एफ एस की सीख से 15 किसानों ने मिलकर 10-12 एकड़ भूमि में टपक सिंचाई से सामूहिक खेती शुरू की है। मुखिया और पंचायत प्रतिनिधियों ने मवेशियों के नियंत्रित चराई और फसल सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
महिला समूह और बागवानी में सफलता
परहा टोली की सुष्मा खाखा ने आम बागवानी, इंटरक्रॉपिंग और सब्जी उत्पादन के माध्यम से बेहतर आय होने की जानकारी साझा की। इससे महिलाओं की आय और सशक्तिकरण में वृद्धि हुई।
सी एम एस एल आई मॉडल और ग्रामीण आजीविका
समीर खेस्स और प्रदीप टेटे ने बताया कि सी एम एस एल आई मॉडल से खेती, मछली और बत्तक पालन करके आय बढ़ाई जा रही है। सामूहिक प्रयास और बेहतर प्रबंधन से 19 सदस्यीय समूह ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
न्यूज़ देखो: एच डी एफ सी परिवर्तन परियोजना से ग्रामीण कृषि और महिला सशक्तिकरण को नई दिशा
केरसई में आयोजित इस कार्यक्रम ने दिखाया कि परियोजना के माध्यम से किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन, सामूहिक खेती के मॉडल और महिलाओं की भागीदारी से ग्रामीण आय में सुधार संभव है। यह पहल क्षेत्र में सतत कृषि और ग्रामीण विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
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ग्रामीण कृषि और सामूहिक प्रयासों से समृद्धि सुनिश्चित करें
यह समय है कि किसान, महिला समूह और पंचायत मिलकर एच डी एफ सी परिवर्तन परियोजना के सीख और तकनीकों को अपनाएँ। सामूहिक प्रयासों और सशक्त नेतृत्व के माध्यम से क्षेत्र में स्थायी कृषि और ग्रामीण आय को बढ़ाया जा सकता है। अपनी राय कमेंट करें, इस पहल को अपने क्षेत्र में साझा करें और टिकाऊ विकास के लिए दूसरों को भी प्रेरित करें।





