ईद से पहले करता था दरिंदगी, गढ़वा कोर्ट ने सुनाया आजीवन सश्रम कारावास का फैसला

#गढ़वान्यायालय #POCSOफैसला #नाबालिग_दुष्कर्म – बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को विशेष पोक्सो न्यायालय ने सुनाई कड़ी सजा

ईद से पहले दुष्कर्म, समाज और अदालत दोनों ने जताई सख्त नाराजगी

गढ़वा थाना क्षेत्र के संग्रह खुर्द गांव में ईद से ठीक पहले घटित हुई एक हृदय विदारक घटना पर आज न्यायालय का सख्त फैसला आया। विशेष न्यायाधीश (पोक्सो कोर्ट) श्री दिनेश कुमार की अदालत ने सोमवार को शेख इम्तेयाज को उसकी नाबालिग पुत्री से दुष्कर्म के आरोप में अंतिम सांस तक आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई।

यह मामला तब सामने आया जब पीड़िता की दादी ने उसकी उदासी का कारण पूछा, और लड़की ने रोजा के दौरान हुए कई बार के यौन उत्पीड़न की बात कही। दादा शेख एनुल्लाह ने 15 मई 2023 को गढ़वा थाना में कांड संख्या 197/2023 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

धमकियों से सहमी रही बच्ची, समाजिक पंचायत भी नाकाम

पीड़िता ने खुलासा किया कि उसका पिता उसे डराता-धमकाता था और कहा करता कि “अगर किसी से बताया तो जीभ काटकर डेम में फेंक दूंगा।” जब परिजनों ने पंचायती की, तो आरोपी ने उल्टे बच्ची को अपने पास रखने और जान से मारने की धमकी दी। मामला बिगड़ता देख अंततः पुलिस में शिकायत दर्ज की गई।

त्वरित सुनवाई और कठोर सजा

गढ़वा थाना पुलिस ने 20 मई 2023 को आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा और भारतीय दंड संहिता की धारा 376AB, 5(M), 6 पोक्सो एक्ट के तहत चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की।

न्यायालय में अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक उमेश दीक्षित ने 8 गवाहों को प्रस्तुत किया, जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता नित्यानंद दुबे ने 2 गवाह पेश किए। साक्ष्यों और दस्तावेजों की विवेचना के बाद अदालत ने आरोपी को कठोर दंड के योग्य माना।

न्यायिक निर्णय से समाज में संदेश

अदालत ने कहा कि इस प्रकार की घिनौनी घटनाएं समाज के लिए कलंक हैं, और ऐसी मानसिकता को दंडित करना न्यायिक दायित्व है। न्यायालय ने सजा के साथ ही आरोपी पर ₹1 लाख का आर्थिक जुर्माना भी लगाया और निर्णय की एक प्रति निशुल्क मुहैया कराई।

‘न्यूज़ देखो’ की सामाजिक अपील

न्यूज़ देखो अपने पाठकों से अपील करता है कि किसी भी प्रकार के यौन शोषण, विशेषकर नाबालिगों से जुड़े अपराधों की सूचना बिना देर किए पुलिस और प्रशासन को दें। ऐसे मामलों में चुप्पी अपराध को बढ़ावा देती है।
साहस करें, बोलें और न्याय की राह में सहभागी बनें। न्याय ही समाज की असली सुरक्षा है।

Exit mobile version