
#मनिका #लातेहार_समाज : 2006 से सेवा में रही सहिया का असमय निधन — परिजनों की हालत बेहाल, सरकारी सहायता की मांग
- जान्हो पंचायत की स्वास्थ्य सहिया प्रमीला देवी की रविवार रात हुई मृत्यु
- छोटे बच्चों और बेटियों को छोड़ गई पीछे, परिवार में अब कोई कमाने वाला नहीं
- गांव के लोगों और सहिया समूह ने परिवार को ढांढस बंधाया
- JMM नेताओं ने मांग की – परिवार को मिले आर्थिक सहायता और नौकरी
- स्वास्थ्य विभाग से मुआवजा और सरकारी लाभ देने की अपील
गाँव की प्रेरणा, जिसने स्वास्थ्य सेवा को बनाया अपना धर्म
लातेहार जिला के मनिका प्रखंड अंतर्गत जान्हो पंचायत की स्वास्थ्य सहिया प्रमीला देवी का रविवार की रात निधन हो गया। उनके निधन से पूरा गाँव शोक में डूब गया है। प्रमीला देवी 2006 से सहिया के रूप में स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी थीं और गर्भवती महिलाओं, नवजात बच्चों और मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए उन्होंने सराहनीय कार्य किए थे।
पीछे रह गया असहाय परिवार
प्रमीला देवी तीन पुत्रियों और एक पुत्र की माँ थीं। उनकी बड़ी बेटी रंजीता कुमारी (उम्र लगभग 17 वर्ष) की अब तक शादी नहीं हुई है। उनके निधन के बाद परिवार में अब कोई कमाने वाला नहीं बचा। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
सहिया समूह और ग्रामीणों ने दिया साथ
घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य केंद्र से जुड़े सहिया समूह की महिलाओं — पार्वती देवी, सुलेखा देवी और मीना देवी ने पहुंचकर परिवार को ढांढस बंधाया और सरकारी स्तर पर मदद की मांग की।
जेएमएम नेताओं की संवेदना और मांग
झामुमो किसान मोर्चा के जिला सचिव सिकेश्वर राम ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा:
“स्वर्गीय प्रमीला देवी ने 2006 से स्वास्थ्य सेवा में जो योगदान दिया है, वह अमूल्य है। आज वह हमारे बीच नहीं हैं, परंतु उनकी सेवा को भुलाया नहीं जा सकता।”
उन्होंने मांग की कि सरकार की ओर से मुआवजा, स्वास्थ्य बीमा और परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी दी जाए ताकि उनका परिवार आगे जीवनयापन कर सके।
मौके पर झामुमो जिला युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष मुरारी ठाकुर, मनिका स्वास्थ्य केंद्र के BTT बिरेन्द्र उरांव, और कई अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।
न्यूज़ देखो: सेवा और संवेदना की पुकार
स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि स्वर्गीय सहिया प्रमीला देवी के परिवार को त्वरित सहायता उपलब्ध कराए। यह केवल एक परिवार की मदद नहीं, बल्कि उन सभी सहियाओं के प्रति सम्मान होगा जो गांव-गांव में स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ बनी हुई हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सेवा करने वालों का सम्मान ही सच्ची श्रद्धांजलि
आइए, हम भी समाज में ऐसे लोगों के प्रति संवेदनशील बनें जो निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। सरकार, संस्थाएं और समाज मिलकर ऐसे परिवारों को मजबूती दें, ताकि सेवा देने वालों का सपना अधूरा न रह जाए।