
#सिमडेगा #स्वास्थ्य_परीक्षण : उपायुक्त के निर्देश पर वृद्धाश्रम के सभी वृद्धजनों की जांच की गई, जिनमें मिले मोतियाबिंद के मरीजों का तत्काल उपचार कराया गया
- उपायुक्त कंचन सिंह के निर्देश पर सिमडेगा वृद्धाश्रम में सभी वृद्धजनों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया।
- जांच के दौरान 8 वृद्ध व्यक्तियों में मोतियाबिंद की बीमारी की पुष्टि हुई।
- सभी मरीजों का सदर अस्पताल सिमडेगा में सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया।
- ऑपरेशन के बाद वृद्धजनों को आवश्यक परामर्श और चश्मे उपलब्ध कराए गए।
- वृद्धाश्रम के संचालक और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पूरे अभियान में महत्वपूर्ण सहयोग दिया।
- प्रशासन की इस पहल से वृद्धजनों के स्वास्थ्य संरक्षण और सुविधा सुनिश्चित करने में मिली मजबूती।
सिमडेगा जिले में चल रहे वृद्धाश्रम के सभी निवासियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उपायुक्त कंचन सिंह के निर्देश पर एक विशेष स्वास्थ्य परीक्षण अभियान चलाया गया। इस अभियान में वृद्धाश्रम में रह रहे सभी वृद्धजनों की आंख, रक्तचाप, सामान्य स्वास्थ्य और अन्य आवश्यक जांचें की गईं। जांच के दौरान कुल 8 निवासियों में मोतियाबिंद की समस्या पाई गई, जिन्हें तुरंत चिकित्सा सुविधा देने का निर्णय लिया गया। सभी वृद्धजनों का सदर अस्पताल सिमडेगा में सफल ऑपरेशन किया गया और उन्हें आवश्यक उपचार, दवाइयाँ तथा चश्मे भी दिए गए ताकि वे अपने दैनिक कार्य बेहतर ढंग से कर सकें।
मोतियाबिंद की पहचान और उपचार प्रक्रिया
जांच टीम द्वारा किए गए विस्तृत परीक्षण में जिन 8 वृद्धों में मोतियाबिंद की पुष्टि हुई, उनके लिए तुरंत ऑपरेशन की तिथि तय की गई।
सदर अस्पताल के नेत्र विशेषज्ञों ने सभी ऑपरेशन सुरक्षित और कुशलतापूर्वक पूरे किए। स्वास्थ्य विभाग ने पोस्ट-ऑपरेशन देखभाल, संक्रमण की रोकथाम और दवा वितरण की जिम्मेदारी निभाई। वृद्धजनों को अस्पताल से ही आवश्यक फॉलो-अप निर्देश दिए गए, वहीं चश्मे उपलब्ध कराए जाने से उनकी दृष्टि क्षमता में तुरंत सुधार आया।
वृद्धाश्रम प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग का योगदान
इस अभियान में वृद्धाश्रम प्रबंधन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही।
उन्होंने डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समन्वय करते हुए वृद्धजनों को जांच एवं उपचार के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान किया।
प्रबंधन की सतर्कता और सक्रिय भूमिका के कारण सभी वृद्धजन समय पर अस्पताल पहुंच सके और बिना देरी के ऑपरेशन हो सका।
प्रशासन की संवेदनशील पहल
उपायुक्त के निर्देश पर शुरू की गई इस प्रक्रिया ने यह सुनिश्चित किया कि जिले के वृद्ध नागरिकों को मेडिकल सुविधाओं की कमी न झेलनी पड़े।
बुजुर्गों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और सम्मान की दिशा में यह कदम प्रशासन की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी को दर्शाता है।
उपायुक्त कंचन सिंह ने कहा: “वृद्धजन समाज की धरोहर हैं। उनके स्वास्थ्य और सुविधा को प्राथमिकता देना हमारी जिम्मेदारी है। शासन-प्रशासन की सभी योजनाएँ इसी भावना से संचालित की जा रही हैं।”
आगे की देखरेख और फॉलो-अप
सदर अस्पताल और वृद्धाश्रम प्रबंधन ने सभी ऑपरेटेड मरीजों के लिए नियमित फॉलो-अप शिविर आयोजित करने की योजना बनाई है।
स्वास्थ्य विभाग अगले कुछ सप्ताह तक वृद्धजनों के दृष्टि सुधार और स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी करेगा।

न्यूज़ देखो: प्रशासन की पहल ने दी नई रोशनी
सिमडेगा प्रशासन ने वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देकर एक मिसाल पेश की है।
मोतियाबिंद जैसी समस्या का समय पर उपचार न केवल वृद्धजनों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ाता है, बल्कि उनकी आत्मनिर्भरता भी सुरक्षित रखता है।
यह कदम दर्शाता है कि संवेदनशील प्रशासनिक प्रयास जमीनी स्तर पर कितना बड़ा बदलाव ला सकते हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बुजुर्गों की देखभाल—हमारी सामूहिक जिम्मेदारी
समाज तब ही मजबूत होता है जब उसके बुजुर्ग सुरक्षित, स्वस्थ और सम्मान के साथ जीवन जीते हैं।
आइए हम सभी अपने आसपास के वृद्धजनों की जरूरतों पर ध्यान दें, नियमित स्वास्थ्य जांच को प्राथमिकता दें और प्रशासनिक योजनाओं का लाभ लेने में उन्हें सहयोग करें।
आप इस पहल के बारे में क्या सोचते हैं? अपनी राय कमेंट में लिखें, खबर को साझा करें और स्वास्थ्य जागरूकता को आगे बढ़ाने में योगदान दें।





