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पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन को बरवाडीह कांग्रेस कार्यालय में दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

#Barwadih #Congress : गुरुजी के निधन पर प्रखंड कार्यालय में दो मिनट का मौन

बरवाडीह कांग्रेस कार्यालय में उमड़ा शोक का सागर

बरवाडीह प्रखंड मुख्यालय स्थित कांग्रेस पार्टी के कार्यालय में मंगलवार को गमगीन माहौल के बीच श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मौके पर बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ता और स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

विजय बहादुर सिंह ने याद किया गुरुजी का योगदान

युवा कांग्रेस के स्टेट कोऑर्डिनेटर विजय बहादुर सिंह, जो मनिका विधायक रामचंद्र सिंह के पुत्र भी हैं, ने कहा कि गुरुजी झारखंड के निर्माता थे। उन्होंने अपने जीवन के कई दशक झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने के संघर्ष में बिताए।

विजय बहादुर सिंह ने कहा: “अगर दिशोम गुरु शिबू सोरेन नहीं होते तो आज झारखंड राज्य का अस्तित्व ही नहीं होता। उन्होंने लगातार आंदोलन कर आदिवासी समाज के अधिकार और पहचान को सुरक्षित किया।”

नेताओं ने जताया गहरा दुख

कार्यक्रम में उपस्थित अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष सह बीस सूत्री अध्यक्ष नसीम अंसारी ने भावुक शब्दों में गुरुजी की महानता को याद किया।

नसीम अंसारी ने कहा: “गुरुजी केवल झारखंड राज्य निर्माण के स्तंभ नहीं थे, बल्कि वे आदिवासी समाज की अस्मिता, अधिकारों और न्याय की बुलंद आवाज़ थे। उनका संपूर्ण जीवन संघर्ष, सेवा और सिद्धांतों की प्रेरक मिसाल रहा।”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनिल सिंह ने भी अपने संबोधन में कहा:

अनिल सिंह ने कहा: “गुरुजी के निधन से न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश ने एक महान जननायक को खो दिया है। वे हमारे लिए अभिभावक की तरह थे।”

श्रद्धांजलि में शामिल हुए कई नेता

इस मौके पर मौजूद नेताओं में बरवाडीह प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष नसीम अंसारी, विधायक प्रतिनिधि प्रेम सिंह उर्फ पिंटु, अनिल सिंह, अजय चंद्रवंशी, शिवानंद तिवारी उर्फ दीपु, मो. सईद अंसारी, रघुनंदन राम, राजू कुमार, अजीत कुमार, अखिलेश यादव, दिलशाद अंसारी, आलोक सिंह, पंकज गुप्ता, श्याम बिहारी प्रसाद, बिरेंद्र सिंह, सुरेश मिश्रा, पंकज पासवान, संजय यादव, प्रेम दिवाना, अशोक सिंह, बीरबल राम, निर्मल सिंह, अजय सिंह, संजय सिंह, सुजीत कुमार, प्रेम कुमार अधूरा, हरीश सिंह, लक्ष्मण सिंह समेत कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

न्यूज़ देखो: झारखंड की आत्मा में अमर रहेंगे गुरुजी

दिशोम गुरु शिबू सोरेन केवल एक राजनीतिक नेता नहीं, बल्कि झारखंड की पहचान और आदिवासी अस्मिता के प्रतीक थे। उनके संघर्ष ने राज्य की तस्वीर बदल दी। आज जब पूरा प्रदेश शोकाकुल है, तब यह सवाल भी उठता है कि क्या हम उनके आदर्शों को सच्चे अर्थों में आगे बढ़ा पाएंगे?
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आइए मिलकर श्रद्धांजलि दें

झारखंड के इस महानायक के योगदान को याद करते हुए हमें संकल्प लेना चाहिए कि उनके बताए रास्ते पर चलते हुए समाज में न्याय, समानता और विकास की मशाल को जलाए रखें। आप भी अपने विचार कमेंट सेक्शन में साझा करें, इस खबर को सोशल मीडिया पर शेयर करें और अपने दोस्तों तक जरूर पहुंचाएं

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