हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की सरकार 5 दिसंबर को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेगी। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करेंगे। शपथ ग्रहण दोपहर 12 बजे के आसपास होने की संभावना है। इस दौरान झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन में झामुमो से 6, कांग्रेस से 4, और राजद से 1 मंत्री को शामिल किया जाएगा।
गठबंधन में संतुलन और प्रतिनिधित्व पर जोर
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि मंत्रिमंडल गठन में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। महिलाओं, युवाओं और किसानों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। झारखंड कांग्रेस प्रमुख राजेश ठाकुर ने कहा कि गठबंधन के केंद्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा के बाद सूची को अंतिम रूप दिया गया है।
राजनीतिक परिदृश्य
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में झामुमो के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक ने 81 सदस्यीय सदन में 56 सीटें जीतीं। इनमें झामुमो के पास 34, कांग्रेस के पास 16, और राजद के पास 4 सीटें हैं। वहीं, विपक्ष में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले एनडीए को 24 सीटें मिलीं।
अनंत प्रताप देव की संभावनाएं
अनंत प्रताप देव झारखंड के वरिष्ठ और प्रतिष्ठित नेताओं में से एक हैं। उनकी गढ़वा और पलामू क्षेत्र में मजबूत पकड़ है। हालांकि, उनके मंत्री बनने की संभावना गठबंधन के भीतर संतुलन और क्षेत्रीय समीकरणों पर निर्भर करेगी। झामुमो और कांग्रेस के बीच शक्ति संतुलन में उनका नाम चर्चा में हो सकता है, लेकिन अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री और पार्टी नेतृत्व पर आधारित होगा।
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद विधानसभा सत्र
विधानसभा का विशेष सत्र 9 दिसंबर से शुरू होगा, जहां नई सरकार का एजेंडा पेश किया जाएगा। कैबिनेट गठन के बाद यह स्पष्ट होगा कि सरकार किन प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करेगी।
महत्वपूर्ण राजनीतिक संकेत
इस मंत्रिमंडल विस्तार से यह तय होगा कि झारखंड की नई सरकार किस तरह अपनी चुनावी वादों को पूरा करने के लिए काम करेगी और क्षेत्रीय संतुलन को बनाए रखेगी। अनंत प्रताप देव जैसे अनुभवी नेताओं की भूमिका इस संदर्भ में निर्णायक हो सकती है।