रांची: झारखंड में मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हेलीकॉप्टर को उड़ान में देरी के कारण सियासी गर्मी बढ़ गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री सोरेन को चुनाव प्रचार के लिए उड़ान भरने से रोक दिया गया, जिससे उन्हें लगभग डेढ़ से दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा। इस मामले में अब चुनाव आयोग ने तुरंत संज्ञान लिया है और एयरपोर्ट अथॉरिटी से जवाब मांगा है।
एयरपोर्ट अथॉरिटी को स्पष्टीकरण के निर्देश
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने जानकारी दी कि विधानसभा चुनाव 2024 में सभी प्रत्याशियों के लिए समान अवसर प्रदान करने हेतु आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य है। झामुमो द्वारा प्राप्त शिकायत के बाद बिरसा मुंडा एयरपोर्ट अथॉरिटी के निदेशक को एक पत्र भेजा गया है, जिसमें इस घटना पर स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध किया गया है। निदेशक से 6 नवंबर तक वस्तुस्थिति रिपोर्ट देने को कहा गया है।
पहले ही हो चुकी थी महत्वपूर्ण बैठक
निर्वाचन अधिकारी रवि कुमार ने बताया कि चुनाव के दौरान ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए 23 अक्टूबर को एयरपोर्ट अथॉरिटी और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में एयरपोर्ट पर वीआईपी मूवमेंट के दिशा-निर्देश साझा किए गए थे, ताकि चुनाव प्रचार में सभी प्रत्याशियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित किए जा सकें।
झामुमो की राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग
इस घटना को लेकर झामुमो ने राष्ट्रपति को एक पत्र भेजा है, जिसमें राष्ट्रपति से मामले में हस्तक्षेप की मांग की गई है। झामुमो नेता मनोज पांडेय ने इसे भाजपा के इशारे पर किया गया कदम बताया और आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन को चुनाव प्रचार में व्यवधान पहुंचाने के लिए जानबूझकर रोका गया।