
#दुमका #प्रेम_विवाद : शादी से इनकार कर भाग रहे युवक को बस स्टैंड में प्रेमिका ने रोका, पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया।
दुमका बस स्टैंड में शुक्रवार शाम उस समय अफरा-तफरी मच गई जब शादी से इनकार कर भागने की कोशिश कर रहे युवक को उसकी प्रेमिका ने पकड़ लिया। युवती ने युवक पर शादी का झांसा देकर वर्षों तक शोषण करने का आरोप लगाया है। मौके पर मौजूद लोगों की सूचना पर नगर थाना पुलिस पहुंची और दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। मामला प्रेम संबंध, भरोसे और कानूनी दायित्व से जुड़ा होने के कारण गंभीर माना जा रहा है।
- दुमका बस स्टैंड में शुक्रवार शाम प्रेम-प्रसंग को लेकर हंगामा।
- युवक संतोष मंडल को प्रेमिका ने भागते हुए पकड़ा।
- युवती का आरोप—पांच साल का लिव-इन रिलेशनशिप और शादी का झांसा।
- युवक का पक्ष—युवती का दबाव, पहले भी घर से भागकर आई थी।
- नगर थाना पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर जांच शुरू की।
दुमका शहर के सबसे व्यस्त इलाके दुमका बस स्टैंड में शुक्रवार की शाम उस समय लोगों की भीड़ जमा हो गई, जब एक युवक को एक युवती ने सार्वजनिक रूप से रोक लिया। देखते ही देखते मामला इतना बढ़ गया कि आसपास मौजूद यात्रियों और स्थानीय लोगों का ध्यान इस ओर खिंच गया। युवक की पहचान संतोष मंडल के रूप में हुई है, जबकि युवती ने स्वयं को उसकी प्रेमिका बताया।
शादी से इनकार के बाद भड़का विवाद
युवती का आरोप है कि वह बीते पांच वर्षों से संतोष मंडल के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थी। इस दौरान युवक ने उससे शादी करने का वादा किया और इसी भरोसे पर उसने उसके साथ जीवन बिताया। युवती ने बताया कि दो दिन पहले भी युवक ने शादी का आश्वासन देकर उसे बुलाया था, लेकिन बाद में अचानक अपने परिवार का हवाला देते हुए शादी से इनकार कर दिया।
युवती के अनुसार, जब उसने शादी की बात पर जोर दिया तो युवक वहां से भागने की कोशिश करने लगा। इसी क्रम में वह दुमका बस स्टैंड पहुंचा, जहां उसे प्रेमिका ने पकड़ लिया।
युवती का आरोप, भावुक बयान
बस स्टैंड पर ही युवती फूट-फूटकर रोने लगी और आरोप लगाया कि युवक ने उसके साथ भावनात्मक और शारीरिक शोषण किया है। उसने कहा:
युवती ने कहा: “पांच साल तक शादी का सपना दिखाया गया। जब शादी की बात आई तो अब मुझसे पीछा छुड़ाया जा रहा है। मेरा भविष्य कौन देखेगा?”
युवती का कहना है कि उसने अपने परिवार और समाज की परवाह किए बिना युवक पर भरोसा किया, लेकिन अब वही भरोसा उसके लिए संकट बन गया है।
युवक ने आरोपों से किया इनकार
वहीं युवक संतोष मंडल ने युवती के आरोपों को एकतरफा बताया। उसका कहना है कि युवती पहले भी दो बार घर से भागकर उसके पास आई थी और अब उस पर जबरन शादी का दबाव बना रही है। युवक का दावा है कि पारिवारिक परिस्थितियों के कारण वह इस रिश्ते को आगे नहीं बढ़ा पा रहा था, लेकिन युवती उसे सार्वजनिक रूप से बदनाम करने की कोशिश कर रही है।
लोगों ने रोका, पुलिस को दी सूचना
जब युवक बस स्टैंड से निकलने की कोशिश कर रहा था, तभी वहां मौजूद लोगों ने उसे रोक लिया। हंगामे की सूचना नगर थाना पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों को समझाने का प्रयास किया। स्थिति बिगड़ने से पहले पुलिस ने युवक और युवती दोनों को थाने ले जाकर हिरासत में ले लिया।
नगर थाना में पूछताछ जारी
नगर थाना पुलिस ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों पक्षों से अलग-अलग पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि मामला आपसी सहमति का था या युवती के आरोपों में कोई आपराधिक पहलू बनता है। फिलहाल पुलिस ने किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से इनकार किया है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, युवती के आरोप यदि प्रमाणित होते हैं तो मामला गंभीर धाराओं में दर्ज किया जा सकता है। वहीं युवक के पक्ष को भी जांच के बाद ही माना जाएगा।
सामाजिक और कानूनी पहलू
यह मामला केवल एक प्रेम विवाद तक सीमित नहीं है, बल्कि लिव-इन रिलेशनशिप, शादी का वादा और कानूनी जिम्मेदारी जैसे संवेदनशील मुद्दों को भी सामने लाता है। ऐसे मामलों में अक्सर युवतियों का भविष्य दांव पर लग जाता है, जबकि युवक सामाजिक दबाव का हवाला देकर पीछे हट जाते हैं। कानूनन, शादी का झांसा देकर शोषण के मामलों में कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है, बशर्ते आरोप सिद्ध हों।
न्यूज़ देखो: रिश्तों में भरोसा और जिम्मेदारी का सवाल
दुमका बस स्टैंड की यह घटना बताती है कि निजी रिश्तों के विवाद अब सार्वजनिक जगहों पर सामाजिक तनाव का कारण बनते जा रहे हैं। प्रेम संबंधों में भरोसा जितना जरूरी है, उतनी ही जरूरी जिम्मेदारी और स्पष्टता भी है। अब यह देखना अहम होगा कि पुलिस जांच में सच्चाई किस पक्ष के साथ सामने आती है और कानून अपना रास्ता कैसे तय करता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
रिश्तों में निर्णय से पहले सोचें, समाज और कानून दोनों अहम
भावनात्मक रिश्तों में जल्दबाजी कई बार जीवनभर की परेशानी बन जाती है। जरूरी है कि हर फैसला जिम्मेदारी और पारदर्शिता के साथ लिया जाए। इस खबर पर अपनी राय साझा करें, चर्चा को आगे बढ़ाएं और समाज में जागरूकता फैलाने में अपनी भूमिका निभाएं।





