Simdega

बिरसा जयंती सह झारखंड स्थापना दिवस पर जामपानी में हॉकी टूर्नामेंट का समापन, कुरडेग झारखंड की टीम विजेता बनी

Join News देखो WhatsApp Channel
#सिमडेगा #खेल_प्रतियोगिता : जामपानी के पारिश पल्ली मैदान में आयोजित आठ दिवसीय पुरुष हॉकी व सांस्कृतिक नाच प्रतियोगिता का समापन, विधायक सुदीप गुड़िया ने दिया अनुशासन और परंपरा बचाने का संदेश
  • कुरडेग झारखंड की टीम ने जाऊकुदर ओड़िशा को 2–1 से हराकर हॉकी प्रतियोगिता जीती।
  • कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक सुदीप गुड़िया, विशिष्ट अतिथि अनिल कंडुलना सहित कई गणमान्य मौजूद।
  • विजेता टीम को 50 हज़ार रुपये, उपविजेता को 25 हज़ार रुपये प्रदान किए गए।
  • सांस्कृतिक मांडर, नगाड़ा और पारंपरिक-आधुनिक नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन और पुरस्कार वितरण।
  • विधायक ने कहा—खेल में अनुशासन, समर्पण और खेल भावना अत्यावश्यक; सिमडेगा हॉकी की नर्सरी के रूप में विश्वप्रसिद्ध।
  • हजारों ग्रामीणों की उपस्थिति में आयोजन समिति, महिला मंडल और स्थानीय लोगों ने कार्यक्रम को सफल बनाया।

जामपानी स्थित पारिश पल्ली मैदान में बिरसा जयंती सह झारखंड स्थापना दिवस पर आयोजित आठ दिवसीय पुरुष हॉकी एवं सांस्कृतिक नृत्य प्रतियोगिता का समापन मंगलवार को बड़े उत्साह और परंपरागत माहौल में हुआ। सांस्कृतिक कला मंच और संत जोसेफ क्लब समिति के तत्वावधान में आयोजित इस बड़े आयोजन में स्थानीय संस्कृति, खेल की भावना और सामुदायिक एकता का अद्भुत मेल देखने को मिला। महिला मंडल की सखी दीदियों ने ढोल-मांडर की थिरकन के साथ अतिथियों का स्वागत किया। मैदान में उत्साह, तालियों और पारंपरिक संगीत की गूंज पूरे कार्यक्रम में बनी रही।

अंतिम मुकाबला और विजेता टीम का सम्मान

फाइनल मैच जाऊकुदर ओड़िशा और कुरडेग झारखंड के बीच खेला गया, जिसमें रोमांचक मुकाबले में कुरडेग की टीम ने 2–1 से जीत दर्ज की। विजेता टीम को 50 हजार रुपये और उपविजेता टीम को 25 हजार रुपये नकद पुरस्कार प्रदान किए गए। खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने दर्शकों को पूरे मैच के दौरान बांधे रखा और मैदान में खेल भावना का अद्भुत प्रदर्शन दिखाई दिया।

अनुशासन और परंपरा का महत्व : विधायक सुदीप गुड़िया

मुख्य अतिथि विधायक सुदीप गुड़िया ने अपने संबोधन में कार्यक्रम और खिलाड़ियों की सराहना करते हुए कहा कि अनुशासन जीवन और खेल दोनों की मूल आधारशिला है।
उन्होंने कहा कि हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है और सिमडेगा जिले की पहचान विश्व स्तर तक फैली है। उन्होंने खिलाड़ियों को प्रेरित करते हुए कहा कि खेल से शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास होता है, इसलिए सभी खिलाड़ी खेल भावना और समर्पण के साथ मैदान में उतरें।
सांस्कृतिक प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी परंपरा, हमारी मिट्टी और हमारी पहचान को सम्मानित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।

आयोजन समिति और अतिथियों का सहयोग

विशिष्ट अतिथि तथा आयोजन समिति के मुख्य संरक्षक अनिल कंडुलना ने कहा कि समिति और ग्रामीणों के सहयोग से इतना बड़ा आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ है। उन्होंने सभी खिलाड़ियों और सांस्कृतिक कलाकारों को शुभकामनाएँ दीं।
विशिष्ट अतिथि डीन फादर थॉमस सोरेंग ने खिलाड़ियों को अनुशासन और समर्पण के साथ खेलने की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम में झामुमो जिला सचिव मो. सफीक खान, जिला परिषद अध्यक्ष रोज प्रतिमा सोरेंग, नोवास केरकेट्टा, फिरोज अली, प्रफुलित डूंगडूंग, नुसरत खातून, अनिल तिर्की, ऑस्कर डांग, मो. शहीद, अनस आलम सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और ग्रामीण उपस्थित रहे।

सांस्कृतिक रंग और कार्यक्रम संचालन

कार्यक्रम के शुभारंभ में स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। मंच संचालन फादर संदीप कु. खेस, सर वसंत तिर्की और सर अजित तिर्की द्वारा किया गया।
सांस्कृतिक नाच प्रतियोगिता में मांडर, नगाड़ा तथा पारंपरिक और आधुनिक नृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

आयोजन को सफल बनाने में समिति की भूमिका

इस आयोजन को सफल बनाने में खेल समिति के अध्यक्ष विलियम केरकेट्टा, नीरज मिंज, सामुएल लुगुन, कुशल डुंगडुंग, राजेश टोप्पो, हिरमीना बेक, फेलिक्स सोरेंग, विजय सोरेंग, पादरी सलन मुंडू, सचिव कोर्नेलिया डुंगडुंग, सुपीरियर सीमा मिंज, अरविंद सोरेंग, दानिएल लकड़ा, अनुपम कंडुलना, पादरी निर्मल किंबो, कोरोलिना सोरेंग, ख्रीस्त धनी लकड़ा, बसंत कुमार समद, सेवन लुगुन सहित सैकड़ों लोग सक्रिय रहे।
हजारों ग्रामीणों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को भव्यता और ऊर्जा से भर दिया।

न्यूज़ देखो: परंपरा, खेल और समुदाय—तीनों की एकता ने किया आयोजन को सफल

जामपानी का यह आयोजन न सिर्फ खेल प्रतिभा को सामने लाता है, बल्कि यह दिखाता है कि जब समुदाय, संस्कृति और खेल एक साथ आते हैं, तब समाज में सकारात्मक और प्रेरक संदेश फैलता है। ऐसे आयोजन नई पीढ़ी को अपनी जड़ों, अपनी परंपरा और अपने सपनों से जोड़ते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

खेल से बढ़ेगी ऊर्जा, संस्कृति से जुड़ेगी पहचान

खेल और संस्कृति दोनों ही समाज की पहचान और ऊर्जा के प्रतीक हैं। खिलाड़ियों और कलाकारों का मनोबल बढ़ाने की जिम्मेदारी हमारी भी है। अब समय है कि हम सब मिलकर युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करें, अपनी परंपरा का सम्मान करें और समुदाय की एकता को मजबूत बनाएं।
अपनी राय कमेंट में लिखें और इस खबर को शेयर करें ताकि प्रेरणा हर गांव तक पहुंचे।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250723-WA0070
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250925-WA0154
1000264265
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250610-WA0011
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Birendra Tiwari

सिमडेगा

Related News

ये खबर आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें

Back to top button
error: