#गुमला #मोबाइल_बरामदगी – थाना प्रभारी की तत्परता से लौटे नागरिकों के मोबाइल — ईमानदार पुलिसिंग की बनी मिसाल
- गुमला थाना प्रभारी महेंद्र करमाली ने तीन नागरिकों को खोए मोबाइल लौटाए
- 26 नवंबर 2024, 26 अप्रैल 2025, और बीते रविवार को मोबाइल हुए थे गुम
- मोबाइल कुम्हार मोड़, सूअर गुड़ा चौक और लिप्टस बगीचा मैदान से हुए थे गुम
- एएसआई सुनील कुमार ने की सराहनीय अनुसंधान कर मोबाइल किए बरामद
- सोमवार को थाने में बुलाकर कागजी कार्रवाई के बाद लौटाए गए सभी मोबाइल
तीन अलग-अलग घटनाएं, तीन ईमानदारी की मिसालें
गुमला थाना के प्रभारी महेंद्र करमाली ने सोमवार को एक सराहनीय कार्य करते हुए तीन अलग-अलग लोगों के खोए हुए मोबाइल बरामद कर उन्हें सौंप दिए। यह पहल न केवल आम जनता का विश्वास बढ़ाने वाली है, बल्कि गुमला पुलिस की ईमानदार छवि को और मजबूत करती है।
पहली घटना में पिंटू शर्मा, जो कुम्हार मोड़ निवासी हैं, का मोबाइल 26 नवंबर 2024 को घर के पास काम पर जाते समय गिर गया था। दूसरी घटना में कुम्हरिया निवासी दिनेश इन्दवार का मोबाइल 26 अप्रैल 2025 को सूअर गुड़ा चौक के पास बाइक चलाते वक्त गिरा था। तीसरी घटना लक्ष्मण नगर निवासी लकी सिंह की थी, जिनका मोबाइल बीते रविवार को लिप्टस बगीचा मैदान में क्रिकेट खेलते समय खो गया।
अनुसंधान और तत्परता से हुई बरामदगी
सभी मामलों में मोबाइल गुम हो जाने की सूचना गुमला थाना में सनहा दर्ज कराई गई थी। इसके बाद एएसआई सुनील कुमार को अनुसंधान की जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने पूरी गंभीरता से अनुसंधान करते हुए तीनों मोबाइलों को बरामद किया।
सोमवार को संबंधित सभी व्यक्तियों को थाना बुलाया गया। थाना परिसर में कागजी कार्रवाई के बाद थाना प्रभारी महेंद्र करमाली ने स्वयं सभी मोबाइल सौंप दिए, जिससे मोबाइल धारकों के चेहरे पर संतोष और राहत की झलक दिखी।
न्यूज़ देखो: ईमानदारी और सेवा की पहचान बनी गुमला पुलिस
गुमला पुलिस की यह पहल दिखाती है कि आज भी सिस्टम में ऐसे अधिकारी मौजूद हैं जो जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। चोरी या गुम हुए मोबाइलों की बरामदगी आम तौर पर बहुत मुश्किल मानी जाती है, लेकिन एएसआई सुनील कुमार और थाना प्रभारी महेंद्र करमाली ने जो पारदर्शिता और प्रतिबद्धता दिखाई, वह प्रेरणादायक है।
न्यूज़ देखो ऐसे मामलों को सामने लाकर यह बताना चाहता है कि सकारात्मक खबरें भी समाज को दिशा देती हैं, और पुलिस-जन सहयोग से बहुत कुछ संभव है।
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ईमानदार व्यवस्था से ही बनता है भरोसेमंद समाज
जब अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा से निभाते हैं, तो समाज में भरोसा और सुरक्षा की भावना स्वतः मजबूत होती है। हमें चाहिए कि हम ऐसी सकारात्मक घटनाओं को फैलाएं और अपने आसपास होने वाली जिम्मेदार कार्रवाई की सराहना करें।
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