#अजीडीह #शिक्षा_सम्मान – सदर प्रखंड के मेधावी छात्रों को सम्मानित कर बढ़ाया हौसला
- राजकीय उच्च +2 विद्यालय, अजीडीह में आयोजित हुआ सम्मान समारोह
- मैट्रिक और इंटरमीडिएट के टॉपर्स को मिला प्रमाणपत्र व सम्मान
- मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे झामुमो नेता और पंचायत प्रतिनिधि नरेश यादव
- शिक्षकों व अभिभावकों की उपस्थिति में कार्यक्रम हुआ संपन्न
- शिक्षा के माध्यम से समाज को आगे ले जाने की अपील
शिक्षा ही है विकास की असली पूंजी
अजीडीह (सदर प्रखंड)। आज राजकीय उच्च +2 विद्यालय, अजीडीह में एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। इस आयोजन ने न सिर्फ मेधावी छात्रों का मनोबल बढ़ाया, बल्कि बाकी विद्यार्थियों को भी प्रेरित किया।
सम्मान समारोह में समाज के प्रमुख लोग हुए शामिल
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड मुक्ति मोर्चा के सक्रिय साथी एवं उदनाबाद पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि श्री नरेश यादव उपस्थित रहे। उनके साथ श्याम प्रजापति, उदय जी, विद्यालय के प्राचार्य, सभी शिक्षकगण, और अभिभावकगण भी मौजूद थे।
अपने संबोधन में नरेश यादव ने कहा:
“शिक्षा ही समाज को आगे ले जाने का सबसे सशक्त माध्यम है। ऐसे आयोजनों से बच्चों को नई ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है।”
उन्होंने बच्चों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी और शिक्षकों के समर्पण व मेहनत की सराहना की।
बच्चों को मिली प्रेरणा, विद्यालय प्रबंधन को सराहना
विद्यालय प्रबंधन द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम बच्चों को उत्साह और प्रेरणा देने का एक सशक्त माध्यम बना। टॉपर्स को प्रमाणपत्र, ट्रॉफी और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया। स्कूल प्रशासन ने सभी छात्रों से अपील की कि वे भविष्य में भी इसी लगन, मेहनत और अनुशासन के साथ पढ़ाई करें और विद्यालय तथा क्षेत्र का नाम रोशन करें।
न्यूज़ देखो: शिक्षा का सम्मान, समाज का उत्थान
‘न्यूज़ देखो’ शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे सकारात्मक आयोजनों को पूरे मन से समर्थन देता है। हम मानते हैं कि विद्यार्थियों का सम्मान ही आने वाले कल में एक मजबूत समाज की नींव रखता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
प्रेरणा बनते आयोजनों को प्रोत्साहन जरूरी
इस तरह के कार्यक्रम समाज में शिक्षा के प्रति सम्मान और गंभीरता को बढ़ाते हैं। ऐसे आयोजनों से छात्र-छात्राएं आगे बढ़ने का हौसला पाते हैं और शिक्षक समाज में बदलाव के वाहक बनते हैं।