लातेहार में वज्रपात की भयावह त्रासदी : आम चुनने गई छात्रा की मौत, चार मासूम झुलसे

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आसमान से गिरी मौत : आम चुनने गए थे बच्चे, अचानक बदल गया मौसम

लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड के जमीरा पंचायत अंतर्गत महुआ मिलान गांव के तूपी टोला में सोमवार की दोपहर अचानक मौसम बदला और हल्की बारिश के बीच आसमान से गिरी बिजली ने कहर ढा दिया। आम चुनने निकले पांच बच्चे-बच्चियों में से एक की मौके पर मौत हो गई, जबकि चार अन्य बुरी तरह झुलस गए

मृतका 9वीं की छात्रा, आम के पेड़ के नीचे खड़ी थी

मृतका रेशमी कुमारी (16 वर्ष), पिता स्व. अग्नू गंझू, जस्टिस एलपीएन शाहदेव उत्क्रमित उच्च विद्यालय रोल की छात्रा थी और नौवीं कक्षा में पढ़ती थी। सोमवार को वह अपने चार साथियों के साथ आम चुनने निकली थी। बारिश से बचने के लिए सभी बच्चे एक आम के पेड़ के नीचे खड़े हो गए। तभी वहीं पर वज्रपात हुआ, जिससे रेशमी की मौके पर ही मौत हो गई, और बाकी चार घायल हो गए।

घायलों में दो चचेरे भाई और दो बच्चियां शामिल

घायलों की पहचान करण लोहरा (पिता मुनेश्वर लोहरा), अमर लोहरा (पिता बबलू लोहरा) — जो आपस में चचेरे भाई हैं, के रूप में हुई है। इसके अलावा सुचिता कुमारी (10 वर्ष), पिता विनोद भुइयां, और आरती कुमारी (12 वर्ष) भी इस हादसे में झुलस गई हैं। सभी घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चंदवा लाया गया।

रेलवे फाटक ने लिया कीमती वक्त, एंबुलेंस में तड़पते रहे घायल

चिकित्सा केंद्र लाते समय चंदवा के टोरी स्थित रेलवे समपार फाटक पर एंबुलेंस करीब 20 मिनट फंसी रही, जिससे दो गंभीर घायल बच्चे एंबुलेंस में तड़पते रहे। फाटक खुलने के बाद सभी को अस्पताल पहुंचाया गया। यहां डॉ. नीलिमा कुमारी और डॉ. कंचन बाड़ा ने प्राथमिक उपचार किया। करण और अमर लोहरा को सदर अस्पताल लातेहार रेफर किया गया है।

नेता पहुंचे अस्पताल, परिजनों का बुरा हाल

घटना की सूचना पाकर झामुमो नेता सितमोहन मुंडा और भाजपा नेता विजय दुबे अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल लिया। मृतका रेशमी कुमारी के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। खबर लिखे जाने तक शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल लाने की प्रक्रिया जारी थी

न्यूज़ देखो : बच्चों की हंसी को न छीनने दें, सावधानी से बच सकती है जिंदगी

‘न्यूज़ देखो’ आपसे अपील करता है कि बदलते मौसम और आंधी-बारिश के समय बच्चों को खुले में जाने से रोकें। लातेहार की इस वज्रपात त्रासदी ने एक घर से बेटी की किलकारी छीन ली और चार मासूम जिंदगी के लिए जूझ रहे हैं। हम सबकी सतर्कता ही अगली जान बचा सकती है।

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