
#गुमला #मानववनसंघर्ष : चैनपुर प्रखंड में हाथी का उत्पात, ग्रामीणों में दहशत
- चैनपुर प्रखंड के भगत बुकमा गांव में हाथी का हमला।
- फागी देवी का घर ध्वस्त, अनाज और सामान बर्बाद।
- जिला परिषद सदस्य मेरी लकड़ा ने दी मदद और चावल का बोरा सौंपा।
- मुआवजा दिलाने के लिए वन विभाग से संपर्क किया गया।
- ग्रामीणों ने स्ट्रीट लाइट लगाने और सुरक्षा व्यवस्था की मांग की।
गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड अंतर्गत भगत बुकमा गांव में सोमवार देर रात एक जंगली हाथी ने भारी उत्पात मचाया। हाथी के हमले में फागी देवी का घर पूरी तरह टूट गया। घर में रखा अनाज और अन्य सामान भी चकनाचूर हो गया। इस घटना से ग्रामीणों में भारी दहशत है।
जिला परिषद सदस्य ने की तत्पर मदद
घटना की जानकारी मिलते ही जिला परिषद सदस्य मेरी लकड़ा पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचीं। उन्होंने फागी देवी को एक बोरा चावल सौंपकर सांत्वना दी और भरोसा दिलाया कि उन्हें हर संभव मदद दिलाई जाएगी। मेरी लकड़ा ने मौके से ही वन विभाग अधिकारियों से फोन पर बात कर पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की।
ग्रामीणों की समस्याओं पर हुई चर्चा
गांव में पहुंचकर मेरी लकड़ा ने अन्य ग्रामीणों से भी मुलाकात की और उनकी समस्याओं की जानकारी ली। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में स्ट्रीट लाइट की सख्त जरूरत है। इस पर जिला परिषद सदस्य ने आश्वासन दिया कि जल्द ही स्ट्रीट लाइट लगवाने की व्यवस्था की जाएगी।
मेरी लकड़ा: “यह बहुत दुखद घटना है, पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा मिलना चाहिए और गांव में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी होगी।”
वन विभाग पर उठे सवाल
लगातार हो रहे हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग को तुरंत ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि इंसानों और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष को रोका जा सके।
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गुमला की यह घटना सिर्फ एक परिवार की समस्या नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए खतरे की घंटी है। जंगलों से लगे गांवों में हाथियों के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वन विभाग को ठोस रणनीति बनाकर ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।
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मिलजुलकर ही होगा समाधान
अब समय है कि प्रशासन, जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मिलकर इंसान और वन्यजीवों के बीच संतुलन बनाएँ। सजग नागरिक ही बदलाव की नींव रख सकते हैं। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि अधिक से अधिक लोग जागरूक हो सकें।