#पलामूसाइबरअभियान #वरदानचैरिटेबलट्रस्ट — नगर निगम परिसर में कर्मचारियों को दी गई जरूरी जानकारी
- नगर निगम कार्यालय में साइबर क्राइम से बचाव को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
- फिशिंग, डेटा चोरी, फेक कॉल्स और एआई फ्रॉड जैसे विषयों पर दी गई जानकारी
- शहर थाना सब-इंस्पेक्टर और साइबर विशेषज्ञों ने बताए बचाव के कानूनी उपाय
- 35 वार्डों में जागरूकता फैलाने की जरूरत पर नगर निगम से की गई अपील
- राष्ट्रगान के साथ हुआ कार्यक्रम का समापन, निगम के अधिकारी और दर्जनों कर्मी रहे मौजूद
साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे पर पलामू नगर निगम में अलर्ट
पलामू नगर निगम परिसर में शुक्रवार को साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान का आयोजन वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया गया। नगर आयुक्त के निर्देश पर आयोजित इस अभियान में निगम के कर्मचारियों को साइबर फ्रॉड से बचाव की विस्तृत जानकारी दी गई।
वरदान टीम ने बताया कि फिशिंग, डेटा चोरी, वीडियो कॉल ब्लैकमेलिंग, फेक अकाउंट से पैसे मांगने, और ओटीपी के जरिए ठगी जैसे नई किस्म की धोखाधड़ियों से बचना बेहद जरूरी हो गया है।
“आपकी मेहनत की गाढ़ी कमाई आपकी जरा सी लापरवाही से किसी और के हाथ जा सकती है।”
— वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट सदस्य
ट्रस्ट की सचिव ने दी अहम जानकारी
सचिव शर्मिला वर्मा ने बताया कि झारखंड के जामताड़ा जैसे इलाकों से साइबर क्राइम के केस सामने आते हैं। उन्होंने लोगों को मजबूत पासवर्ड, अपडेटेड एंटीवायरस और पब्लिक वाई-फाई से बचने की सलाह दी। उन्होंने खासकर महिलाओं को सतर्क रहने की जरूरत बताई।
भारत में हर सप्ताह 3000 से ज्यादा साइबर अपराध
वरदान ट्रस्ट के मयूरेश द्विवेदी ने बताया कि भारत साइबर अपराध में दुनिया में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने बताया कि हर सप्ताह 3000 से ज्यादा साइबर अपराध दर्ज होते हैं, जिससे लोगों में जागरूकता बढ़ाना अनिवार्य है।
पुलिस का सुझाव: साइबर क्राइम में 3 साल की सजा का प्रावधान
शहर थाना के सब-इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने बताया कि साइबर ठगी के मामलों में धारा 420 के तहत 3 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि किसी भी साइबर फ्रॉड की शिकायत तुरंत 1930 नंबर पर करें।
एआई तकनीक से भी हो रहा फ्रॉड
लक्ष्य श्रेष्ठ ने बताया कि अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से आवाज और पहचान बदलकर लोगों को ठगा जा रहा है। उन्होंने सलाह दी कि वीडियो कॉल या किसी भी कॉल पर बिना सोच-समझे प्रतिक्रिया न दें और कोई भी बटन न दबाएं।
कार्यक्रम में जागरूकता के साथ समाधान भी
पंकज लोचन ने कहा कि तकनीक का सही उपयोग तभी संभव है जब आम लोग जागरूक हों। उन्होंने नगर निगम द्वारा 35 वार्डों में जागरूकता अभियान चलाने का सुझाव दिया। निगम के सहायक आयुक्त विश्वजीत महतो, कल्याण कुमार, शमिता भगत, धीरज कुमार सहित दर्जनों कर्मी इस आयोजन में उपस्थित थे।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ
कार्यक्रम का समापन राखी सोनी के राष्ट्रगान से हुआ। इस दौरान निगम कर्मियों ने कई सवाल पूछे जिनका जवाब लक्ष्य श्रेष्ठ ने दिया। कुल मिलाकर यह कार्यक्रम साइबर फ्रॉड से बचाव की दिशा में एक अहम कदम साबित हुआ।

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तकनीक के साथ चलें, लेकिन सतर्क रहें
साइबर क्राइम अब एक गंभीर सामाजिक चुनौती बन चुका है।
यह जरूरी है कि हम सभी खुद और अपने आसपास के लोगों को साइबर जागरूकता की शिक्षा दें। छोटे कदम भी बड़ी सुरक्षा दे सकते हैं।
आइए, तकनीक को अपना सहयोगी बनाएं — और ठगी को अपने जीवन से दूर करें।