
#कुरडेग #मानवीय_पहल : बच्चों को तत्काल गर्म कपड़े उपलब्ध कराए गए—मानव संवेदना की मिसाल बनी यह पहल।
- केरसई प्रखंड के करिल कुचा गांव से आए छह विरहोर परिवार बच्चों के साथ कुरडेग CHC पहुंचे थे।
- ठंड से कांप रहे बच्चों को देखकर जिशान फ़िरदौस ने तत्काल पहल की।
- विधायक भूषण बाड़ा और महिला जिला अध्यक्ष जोशीमा खाखा ने तुरंत दिए निर्देश।
- अस्पताल परिसर में ही बच्चों को गर्म स्वेटर वितरित किए गए।
- तौफीक अख्तर, समी खां, शमीम अंसारी, तौसीफ आलम और तबरेज असारी रहे सहयोगी।
- मानवीय पहल से विरहोर परिवारों और अस्पताल स्टाफ ने जताया आभार।
सिमडेगा जिले के कुरडेग स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार को मानवता और संवेदना का एक प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला, जब ठंड से कांप रहे विरहोर समुदाय के बच्चों को तत्काल गर्म कपड़े उपलब्ध कराए गए। केरसई प्रखंड के करिल कुचा गांव के छह विरहोर परिवार किसी आवश्यक कार्य से अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ कुरडेग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे। कड़ाके की ठंड में गर्म कपड़ों की कमी के कारण बच्चे अस्पताल परिसर में ठिठुरते नजर आ रहे थे। इसी दौरान वहां मौजूद कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रखंड अध्यक्ष जिशान फ़िरदौस की नजर बच्चों पर पड़ी और उन्होंने बिना देर किए स्थिति को गंभीरता से लिया।
विरहोर समुदाय की पीड़ा देखकर तुरंत सक्रियता
विरहोर समुदाय को परंपरागत रूप से राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र के रूप में जाना जाता है और उन्हें धरती का असली मालिक तथा प्रकृति का रक्षक माना जाता है। बावजूद इसके, आज भी यह समुदाय बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है। कुरडेग अस्पताल परिसर में ठंड से सिकुड़ते बच्चों को देखकर जिशान फ़िरदौस भावुक हो उठे और उन्होंने इसे केवल एक सामाजिक नहीं, बल्कि मानवीय जिम्मेदारी के रूप में देखा।
उन्होंने तुरंत इस स्थिति की जानकारी माननीय विधायक भूषण बाड़ा और महिला जिला अध्यक्ष श्रीमती जोशीमा खाखा को दी। दोनों नेताओं ने मामले की गंभीरता को समझते हुए बिना किसी औपचारिकता के निर्देश दिया कि बच्चों के लिए तत्काल गर्म कपड़ों की व्यवस्था की जाए।
विधायक के निर्देश पर तुरंत हुई मदद
विधायक भूषण बाड़ा के स्पष्ट निर्देश के बाद जिशान फ़िरदौस ने अपने सहयोगियों के साथ तुरंत कार्रवाई की। अस्पताल परिसर से ही व्यवस्था बनाते हुए बच्चों के लिए गर्म स्वेटर खरीदे गए, ताकि ठंड से राहत मिल सके। इस मानवीय प्रयास में तौफीक अख्तर, समी खां, शमीम अंसारी, तौसीफ आलम और तबरेज असारी ने सक्रिय भूमिका निभाई।
कुछ ही समय में गर्म स्वेटर लाकर कुरडेग स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद सभी विरहोर बच्चों को पहनाए गए। जैसे ही बच्चों को गर्म कपड़े मिले, उनके चेहरों पर राहत और मुस्कान साफ दिखाई देने लगी।
अस्पताल परिसर में दिखी संवेदना की तस्वीर
इस मानवीय पहल को देखकर अस्पताल में मौजूद डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मी भी भावुक हो उठे। स्टाफ ने कहा कि ऐसे प्रयास समाज में भरोसा और संवेदना को मजबूत करते हैं। विरहोर परिवारों ने भी इस मदद के लिए जिशान फ़िरदौस, विधायक भूषण बाड़ा और महिला जिला अध्यक्ष जोशीमा खाखा के प्रति आभार व्यक्त किया।
ग्रामीणों का कहना था कि ठंड के इस मौसम में बच्चों के लिए यह मदद किसी वरदान से कम नहीं है। समय पर मिली सहायता ने न केवल बच्चों को ठंड से राहत दी, बल्कि उन्हें यह एहसास भी कराया कि समाज में आज भी ऐसे लोग हैं जो जरूरतमंदों की पीड़ा को समझते हैं।
सामाजिक जिम्मेदारी की मिसाल
इस पूरे घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया कि यदि जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता संवेदनशीलता के साथ काम करें, तो छोटी-सी पहल भी बड़ा बदलाव ला सकती है। बिना किसी प्रचार या औपचारिकता के की गई यह मदद वास्तविक सेवा भावना का उदाहरण बन गई है।
न्यूज़ देखो: जरूरत के समय संवेदना ही सबसे बड़ी शक्ति
कुरडेग अस्पताल में विरहोर बच्चों को मिली त्वरित मदद यह दिखाती है कि प्रशासनिक निर्देश और सामाजिक सक्रियता जब साथ आती है, तो मानवता की सच्ची तस्वीर सामने आती है। विधायक भूषण बाड़ा के निर्देश और जिशान फ़िरदौस की तत्परता ने एक बार फिर साबित किया कि जनप्रतिनिधियों की संवेदनशीलता समाज के सबसे कमजोर वर्ग को संबल दे सकती है।
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इंसानियत से ही मजबूत होता है समाज
ठंड से कांपते बच्चों को गर्म कपड़े पहनाना केवल सहायता नहीं, बल्कि उनके आत्मसम्मान और भरोसे को संजोने का कार्य है। विरहोर समुदाय जैसे वंचित वर्गों के लिए ऐसे प्रयास उम्मीद की किरण बनते हैं।
अब जरूरत है कि समाज के हर वर्ग से लोग आगे आएं और जरूरतमंदों के लिए संवेदनशील बनें।
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