Site icon News देखो

एचईसी परिसर में अतिक्रमण हटाने से सैकड़ों गरीब परिवार बेघर हुए

#रांची #अतिक्रमण : प्रशासनिक कार्रवाई के बाद प्रभावित परिवार खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर

रांची के बिरसा चौक के पास स्थित एचईसी परिसर में प्रशासन ने कल अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई की। इस दौरान सैकड़ों गरीब और आदिवासी परिवारों के आशियाने उजाड़ दिए गए। रात होते ही ये परिवार खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हो गए और सड़क पर ही खाना बनाकर गुजारा किया। प्रभावितों का कहना है कि वे दिहाड़ी मजदूरी से किसी तरह परिवार का पेट पालते हैं, लेकिन अब उनके पास सिर छुपाने तक की जगह नहीं बची।

प्रशासन की कार्रवाई और उसका असर

प्रशासन की इस कार्रवाई ने एक झटके में कई परिवारों की जिंदगी बदल दी। जिन घरों में लोग वर्षों से रह रहे थे, उन्हें कुछ ही घंटों में ढहा दिया गया। पीड़ितों ने बताया कि राज्य सरकार ने पहले उन्हें बिजली और पानी का कनेक्शन मुहैया कराया था, लेकिन अब अचानक कार्रवाई कर उनका सबकुछ उजाड़ दिया गया।

पीड़ितों का दर्द और सवाल

कार्रवाई के बाद परिवारों ने खुले में खाना बनाया और बच्चों व बुजुर्गों के साथ सड़क किनारे रात बिताई। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि सरकार पुनर्वास आयोग बनाने की बात करती है, लेकिन व्यवहार में वह लोगों को बेघर कर रही है। उनका कहना है कि यह सरकार के दोहरे रवैये को उजागर करता है।

प्रशासन से मांग

बेघर हुए परिवारों ने जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। लोगों ने अपील की है कि रांची उपायुक्त स्वयं मौके पर आकर स्थिति का जायजा लें और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

न्यूज़ देखो: बेघर परिवारों का संकट और प्रशासन की जिम्मेदारी

यह घटना प्रशासन की कार्रवाई और गरीब परिवारों की जमीनी हकीकत के बीच का गहरा अंतर उजागर करती है। जिन परिवारों के पास अब रहने की जगह तक नहीं बची, उन्हें तुरंत पुनर्वास देना प्रशासन की नैतिक जिम्मेदारी है। सरकार को ऐसे कदम उठाने चाहिए जो विकास और मानवता दोनों का संतुलन बनाए रखें।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

संवेदनशीलता दिखाएं और आवाज उठाएं

बेघर परिवारों की पीड़ा हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। अब वक्त है कि समाज और प्रशासन मिलकर इनके लिए ठोस समाधान निकालें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक साझा करें ताकि प्रभावित परिवारों की आवाज बुलंद हो सके।

📥 Download E-Paper

Exit mobile version