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बेतला नेशनल पार्क (PTR) में गश्ती टीम पर फायरिंग करते शिकारी गिरफ्तार, हथियार और हिरन के सींग बरामद

#बरवाडीह #वनअपराध : गश्ती के दौरान भरठुआ बंदूक से गोलीबारी, चार शिकारी गिरफ्तार, छः फरार

बरवाडीह प्रखंड के पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र स्थित बेतला नेशनल पार्क में सोमवार की शाम एक बड़ा शिकारी गिरोह पकड़ में आया। गश्ती के दौरान जब वन विभाग की टीम ने बंदूक चलने की आवाज सुनी, तो वे उस दिशा में बढ़े। तभी दो अपराधियों—लोधा मुंडा और लखन परहिया—ने गश्ती टीम पर फायरिंग कर दी। हालांकि वनकर्मियों ने साहस दिखाते हुए दोनों को मौके से दबोच लिया और उनके पास से भरठुआ बंदूकें बरामद की गईं।

निशानदेही पर चला छापेमारी अभियान

गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ में मिले सुराग के आधार पर डिप्टी डायरेक्टर प्रजेशकांत जेना के निर्देश पर रेंजर उमेश दुबे के नेतृत्व में टीम गठित की गई। इस टीम ने सोमा मुंडा और बलराम सिंह के ठिकानों पर छापेमारी कर दो और भरठुआ बंदूकें, चार हिरन के सींग, बारूद बनाने की सामग्री, टॉर्च, तसला और वट क्लीनर बरामद किया। यह बरामदगी वन्यजीव तस्करी और शिकार के संगठित गिरोह की ओर इशारा करती है।

वन विभाग की सख्त कार्रवाई

सोमवार को बेतला के डायरेक्टर लॉज में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में डिप्टी डायरेक्टर जेना और रेंजर दुबे ने पूरी घटना की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार चारों शिकारी को लातेहार न्यायालय भेज दिया गया है। वहीं इस अपराध में शामिल अन्य छः लोगों की तलाश जारी है और उन्हें जल्द गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जाएगा।

टीम की भूमिका और सराहना

इस अभियान में संतोष कुमार सिंह, देवपाल भगत, निरंजन कुमार, गुलशन सुरीन, राजेश कुमार और संतोष सिंह समेत वन विभाग की कई टीमों ने सक्रिय भूमिका निभाई। मौके पर मौजूद कर्मियों ने जान जोखिम में डालकर अपराधियों को पकड़ने में सफलता पाई।

न्यूज़ देखो: वन्यजीव संरक्षण के लिए सख्त कदम जरूरी

बेतला नेशनल पार्क जैसे संवेदनशील क्षेत्र में शिकारियों की सक्रियता चिंताजनक है। यह घटना साबित करती है कि वन विभाग लगातार प्रयासरत है, लेकिन शिकार गिरोह अब भी बड़े पैमाने पर सक्रिय हैं। वन्यजीव संरक्षण केवल विभाग का नहीं, बल्कि समाज के हर नागरिक का दायित्व है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जंगल की सुरक्षा, सबकी जिम्मेदारी

वन और वन्यजीव प्रकृति का अमूल्य खजाना हैं। हमें मिलकर इनकी रक्षा करनी होगी ताकि आने वाली पीढ़ियां भी जैवविविधता का आनंद उठा सकें। अब समय है कि हम सब मिलकर वन्यजीव संरक्षण की लड़ाई में योगदान दें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि जागरूकता और फैले।

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