
#पलामू #हत्या : घरेलू विवाद से बढ़ी कहासुनी ने ली जान — आरोपी पति गिरफ्तार
- रामगढ़ थाना क्षेत्र के उलडंडा के बागी गांव में हत्या की वारदात।
- पति विपन भुईयां ने पत्नी सुनीता देवी की गर्दन मरोड़कर कर दी हत्या।
- शराब के नशे में हुआ विवाद, पहले डंडे से पिटाई, फिर हत्या।
- पुलिस ने आरोपी को मौके पर ही गिरफ्तार किया।
- मृतका के तीन बच्चे, एक की शादी हो चुकी।
पलामू जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र में सोमवार को एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जिसने पूरे इलाके को सन्न कर दिया। जानकारी के अनुसार, उलडंडा के बागी गांव में रहने वाले विपन भुईयां ने अपनी पत्नी सुनीता देवी की निर्मम हत्या कर दी। घटना की वजह एक घरेलू विवाद बताया जा रहा है, जो शराब के नशे से उपजा।
घटना तब शुरू हुई जब सुनीता देवी ने शराब का सेवन किया और हालत बिगड़ने पर गांव की एक महिला ने उन्हें घर पहुंचाया। उस समय उनके हाथ में शराब की बोतल थी, जिसे देखकर पति विपन भुईयां का गुस्सा फूट पड़ा। दोनों के बीच कहासुनी हुई, जो धीरे-धीरे हिंसा में बदल गई।
कैसे बढ़ा विवाद और हुई वारदात
विवाद इतना बढ़ गया कि विपन भुईयां ने पहले सुनीता को डंडे से बुरी तरह पीटा, फिर गुस्से में उसकी गर्दन मरोड़कर हत्या कर दी। घटना के बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलते ही रामगढ़ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी पति को वहीं से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने क्या कहा
रामगढ़ थाना प्रभारी ओमप्रकाश शाह ने बताया: “घटना पूरी तरह शराब के नशे में हुई है। पति-पत्नी में विवाद हुआ, जिसके बाद पति ने हत्या कर दी। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है।”
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि हत्या के बाद महिला के शरीर में हल्दी का लेप लगाया गया था। यह संकेत देता है कि हत्या के बाद संभवतः शव को छिपाने या स्थिति को सामान्य दिखाने की कोशिश की गई थी।
बच्चों पर टूटा दुख का पहाड़
मृतका सुनीता देवी के तीन बच्चे हैं, जिनमें से एक की शादी हो चुकी है। यह घटना न केवल एक महिला की जान ले गई, बल्कि पूरे परिवार को भी गहरे सदमे में छोड़ गई। गांव के लोग इस घटना को लेकर हैरान और चिंतित हैं कि घरेलू विवाद किस तरह से हिंसक रूप ले सकता है।
न्यूज़ देखो: शराब की लत और घरेलू हिंसा का खतरनाक गठजोड़
यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि शराब की लत और घरेलू हिंसा का मेल कितना खतरनाक हो सकता है। नशे की हालत में लिए गए हिंसक फैसले पूरे परिवार को तबाह कर देते हैं। समाज को अब इस दिशा में गंभीरता से कदम उठाने की जरूरत है ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जिम्मेदारी हमारी, बदलाव भी हमारा
घरेलू हिंसा जैसी घटनाएं केवल एक परिवार की समस्या नहीं, बल्कि पूरे समाज की चेतावनी हैं। हमें अपने आसपास जागरूकता फैलानी होगी और ऐसे हालात में हस्तक्षेप करना होगा। अब समय है कि हम सब इस बदलाव में योगदान दें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि जागरूकता फैले।