रांची: झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और हुसैनाबाद, पलामू के तत्कालीन अंचल अधिकारी (सीओ) विपिन कुमार दूबे को उनके कार्यकाल में की गई अनियमितताओं के कारण निंदन का दंड दिया गया है। इस संबंध में कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग ने संकल्प जारी किया है।
आरोप और जांच
विपिन कुमार दूबे पर चार मुख्य आरोप लगाए गए थे:
- बिना सुनवाई के अतिक्रमण हटाने का आदेश: झारखंड पब्लिक लैंड इंक्रोचमेंट एक्ट का पालन किए बिना ही आदेश जारी किए गए।
- अधिनियम का पालन न करना: अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में अधिनियम का पूरी तरह पालन नहीं हुआ।
- विरोध करने पर केस दर्ज: एक व्यक्ति पर केस दर्ज किया गया, जिसे बाद में वापस ले लिया गया।
- अमर्यादित भाषा का प्रयोग: उच्चाधिकारियों के साथ व्यवहार में मर्यादा का उल्लंघन किया गया।
स्पष्टीकरण और निर्णय
इन आरोपों पर श्री दूबे से स्पष्टीकरण मांगा गया था। मामले की जांच के बाद यह पाया गया कि उन्होंने अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए नियमों की अनदेखी की और अनुशासनहीनता दिखाई। इसके परिणामस्वरूप उन्हें निंदन का दंड दिया गया।
आधिकारिक आदेश
कार्मिक विभाग ने इस मामले पर स्पष्ट किया कि प्रशासनिक अधिकारियों से नियमों के पालन और अनुशासन की अपेक्षा की जाती है। इस निर्णय से सरकारी अधिकारियों के लिए एक सख्त संदेश गया है कि लापरवाही और अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।