#HussainabadNews #SmartphoneDistribution #DigitalAnganwadi — तकनीकी सशक्तिकरण से सेविकाएं होंगी अब और मजबूत
- हुसैनाबाद प्रखंड में आंगनबाड़ी सेविकाओं के बीच स्मार्टफोन का वितरण
- विधायक संजय कुमार सिंह यादव व जिला परिषद उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह रहे मुख्य अतिथि
- सैकड़ों सेविकाओं को डिजिटल कामकाज के लिए किया गया सशक्त
- कार्यक्रम में BDO, CO व महिला पर्यवेक्षिकाएं भी रहीं शामिल
- “आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों की पहली पाठशाला हैं” — टुटू सिंह
क्षेत्रीय बदलाव की दिशा में सशक्त पहल
पलामू जिले के हुसैनाबाद प्रखंड सभागार में झारखंड सरकार की महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
यह कार्यक्रम स्थानीय विकास की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है, जिससे सेविकाएं अपने कर्तव्यों को डिजिटल, पारदर्शी और प्रभावी ढंग से निभा सकेंगी।
उद्घाटन में जुटे जनप्रतिनिधि और अधिकारी
कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय विधायक संजय कुमार सिंह यादव, जिला परिषद उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह उर्फ़ टुटू सिंह, एस.डी.ओ. गौरांग महतो एवं प्रमुख राजकुमारी देवी ने संयुक्त रूप से किया।
इस दौरान जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने आंगनबाड़ी सेविकाओं के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें समर्पण भाव से सेवा देने के लिए प्रेरित किया।
“आंगनबाड़ी केंद्र हमारे जीवन की प्रथम पाठशाला हैं, जहां बच्चों को न सिर्फ पोषण, बल्कि शिक्षा की नींव भी मिलती है।”
— आलोक कुमार सिंह उर्फ़ टुटू सिंह
सेविकाओं को मिला तकनीकी बल
हुसैनाबाद और हैदरनगर बाल विकास परियोजना के तहत सैकड़ों सेविकाओं को स्मार्टफोन प्रदान किए गए।
इन स्मार्टफोनों के माध्यम से सेविकाएं अब रिपोर्टिंग, बच्चों की निगरानी, पोषण वितरण और अन्य प्रशासनिक कार्यों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पूरा कर सकेंगी।
उपस्थित रहे ये अधिकारी और जनप्रतिनिधि
कार्यक्रम में बी.डी.ओ. सुनील कुमार, सी.ओ. पंकज कुमार, महिला पर्यवेक्षिका कांति देवी, प्रेमलता कुजूर, शोभा कुमारी और सांसद प्रतिनिधि अखिलेश मेहता समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे।
यह कार्यक्रम केवल तकनीकी साधन देने की पहल नहीं, बल्कि महिला कार्यबल को डिजिटल इंडिया से जोड़ने की दिशा में एक मजबूत कड़ी है।
न्यूज़ देखो : डिजिटल सशक्तिकरण से बनेगा सशक्त समाज
‘न्यूज़ देखो’ का मानना है कि जब आंगनबाड़ी सेविकाएं तकनीक से जुड़ेंगी, तो बच्चों की शिक्षा और पोषण का स्तर भी ऊंचा होगा।
ऐसी योजनाएं झारखंड को डिजिटल और समावेशी विकास की राह पर आगे ले जाती हैं। आइए, डिजिटल बदलाव में भागीदार बनें और क्षेत्रीय विकास को नई ऊंचाई दें।