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- नगर पंचायत ने मुख्य नहर पर बिना अनुमति बनाई पीसीसी सड़क
- जल संसाधन विभाग की कंपनी ने सड़क उखाड़कर मिट्टी डाल दी
- एनओसी लिए बिना शुरू हुआ निर्माण, जनता के पैसे की बर्बादी
- नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी ने दी सफाई, समाधान की हो रही कोशिश
नगर पंचायत की बड़ी चूक, लाखों की सड़क बर्बाद
पलामू जिले के हुसैनाबाद नगर पंचायत की कार्यशैली पर इन दिनों सवाल उठ रहे हैं। बिना उचित निरीक्षण और अनुमति के नगर पंचायत ने उत्तर कोयल मुख्य नहर के ऊपर पीसीसी सड़क बना दी, जिसे जल संसाधन विभाग की ओर से कराए जा रहे जीर्णोद्धार कार्य के तहत उखाड़ दिया गया।
कैसे हुई इतनी बड़ी गलती?
दिसंबर 2024 में नगर पंचायत हुसैनाबाद ने 14 विकास योजनाओं के लिए निविदा निकाली थी। इनमें से मोहम्मदाबाद से डंपिंग साइट तक और डंपिंग साइट से मुख्य सड़क तक दो पीसीसी सड़कों के लिए लगभग 20 लाख रुपये का प्रावधान था। लेकिन नगर पंचायत ने स्थल निरीक्षण किए बिना ही निर्माण कार्य शुरू करवा दिया।
परिणामस्वरूप, नहर के जीर्णोद्धार का कार्य कर रही कंपनी ने पूरी पीसीसी सड़क को उखाड़कर मिट्टी डाल दी, जिससे लाखों रुपये व्यर्थ चले गए।
बिना एनओसी कैसे हुआ निर्माण?
नियमों के अनुसार, यदि कोई भूमि किसी अन्य सरकारी विभाग के अधीन आती है, तो वहां निर्माण कार्य से पहले अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना जरूरी होता है। लेकिन नगर पंचायत ने बिना एनओसी के ही निर्माण कार्य शुरू करवा दिया।
इससे भी अधिक हैरानी की बात यह है कि 26 जनवरी को आयोजित शिलान्यास कार्यक्रम में सभी योजनाओं की घोषणा कर दी गई, जबकि कई योजनाएं विवादित या निजी भूमि पर प्रस्तावित थीं।
नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी की सफाई
नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी टी.के. हंस ने कहा कि जनहित में सड़क निर्माण किया गया था क्योंकि पूर्व की सड़क जर्जर थी। उन्होंने दावा किया कि जल संसाधन विभाग से एनओसी की प्रक्रिया की गई थी और कंपनी को सड़क उखाड़ने से पहले सूचित करना चाहिए था।
क्या होगी जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई?
अब सवाल यह है कि इस लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है और क्या दोषियों पर कोई कार्रवाई होगी? नगर पंचायत अब जल संसाधन विभाग से बातचीत कर समाधान निकालने की कोशिश कर रही है, लेकिन यह मामला सरकारी धन की बर्बादी और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है।
‘न्यूज़ देखो’ की अपील
सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में समय पर उचित निरीक्षण और विभागीय अनुमति लेना आवश्यक है, ताकि जनता के पैसे की बर्बादी न हो। ऐसी महत्वपूर्ण खबरों के लिए ‘न्यूज़ देखो’ से जुड़े रहें।