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हुसैनाबाद नहर हादसा: 36 घंटे की मशक्कत के बाद बरामद हुआ किशोर नैतिक चौहान का शव

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#हुसैनाबाद #नहरहादसा : छठ घाट के पास डूबे 16 वर्षीय किशोर का शव दो दिन बाद मिला – प्रशासन ने नहर का पानी रोककर की खोज
  • हुसैनाबाद के बिशुनपुर गांव के पास नहर में 16 वर्षीय नैतिक चौहान डूब गया था।
  • 36 घंटे की खोजबीन के बाद शव छठ घाट से 400 मीटर दूर पटिया में फंसा मिला।
  • नैतिक गढ़वा जिले के परिहारा गांव निवासी था, ननिहाल अराजी कुसुमहरा आया हुआ था।
  • हादसा पैर फिसलने से हुआ, युवक गहरे पानी में समा गया
  • सीओ पंकज कुमार ने कहा, आपदा प्रबंधन से सहायता दी जाएगी।

छठ पर्व की खुशी के बीच हुसैनाबाद प्रखंड के बिशुनपुर गांव में सोमवार को हुई दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। छठ घाट के पास उत्तर कोयल नहर में डूबे 16 वर्षीय किशोर नैतिक चौहान का शव मंगलवार देर रात बरामद किया गया। परिजनों और ग्रामीणों की आंखें 36 घंटे तक अपने लाल की तलाश में पथरा गईं, लेकिन आखिरकार प्रशासन के प्रयासों से बुधवार को शव बरामद कर लिया गया।

पैर फिसलने से गहरे पानी में समाया किशोर

जानकारी के अनुसार, नैतिक चौहान अपने ननिहाल अराजी कुसुमहरा में छठ पूजा मनाने आया था। सोमवार की शाम वह अपने दोस्तों के साथ नहर किनारे गया था, तभी उसका पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चला गया। उसके दोस्तों ने शोर मचाया, लेकिन जब तक लोग पहुंचे, नैतिक का कोई पता नहीं चला। ग्रामीणों ने तत्काल घटना की सूचना पुलिस और प्रशासन को दी।

प्रशासन ने बंद कराया नहर का पानी

घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने उत्तर कोयल नहर का पानी अस्थायी रूप से बंद कराया। इसके बाद एनडीआरएफ टीम और स्थानीय गोताखोरों की मदद से खोज अभियान शुरू किया गया। करीब 36 घंटे की अथक कोशिशों के बाद नैतिक का शव छठ घाट से लगभग 400 मीटर दूर पटिया में फंसा मिला। शव मिलने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया।

सीओ पंकज कुमार ने कहा: “घटना अत्यंत दुखद है। मृतक के परिजनों को आपदा प्रबंधन विभाग से आर्थिक सहायता दी जाएगी।”

गांव में पसरा मातम

गढ़वा जिले के परिहारा गांव निवासी नैतिक चौहान अपने ननिहाल अराजी कुसुमहरा में बेहद चहेता था। उसकी मौत की खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि नहर किनारे सुरक्षा व्यवस्था और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

एक ग्रामीण ने कहा: “हर साल छठ के दौरान लोग नहर के पास जाते हैं, लेकिन कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं होता। अब प्रशासन को कदम उठाना चाहिए

न्यूज़ देखो: लापरवाही और सुरक्षा का संतुलन जरूरी

यह हादसा एक बार फिर इस बात की ओर इशारा करता है कि नहरों और जलाशयों पर सुरक्षा इंतजामों की भारी कमी है। पर्व-त्योहारों में जहां भीड़ बढ़ती है, वहां प्रशासन को पहले से तैयारी करनी चाहिए। हादसे के बाद की कार्रवाई दुख कम नहीं कर सकती, पर सुरक्षा में सुधार से कई जानें बचाई जा सकती हैं।

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जागरूकता और सुरक्षा ही असली श्रद्धांजलि

अब वक्त है कि हम सब मिलकर जलाशयों और नहरों के आसपास सावधानी और सतर्कता को जीवन का हिस्सा बनाएं। प्रशासन को भी सुरक्षा संकेत, बैरिकेडिंग और बचाव दलों की तैनाती सुनिश्चित करनी चाहिए। अपने बच्चों को नहरों और गहरे पानी के खतरों से आगाह करें। इस खबर को शेयर करें ताकि दूसरों तक यह चेतावनी पहुंचे — क्योंकि सुरक्षा ही सबसे बड़ी पूजा है।

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Yashwant Kumar

हुसैनाबाद, पलामू

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