
#बरवाडीह #अवैध_ईंटभट्ठा : बिना अनुमति चल रहे भट्ठों से राजस्व की बड़ी हानि, प्रशासनिक चुप्पी पर उठ रहे सवाल
- बरवाडीह प्रखंड में कई स्थानों पर बिना वैध NOC के ईंट भट्ठे संचालित।
- उक्कामाड़, घोड़ा करम, बेतला, केचकी, मुर्गीडीह सहित कई इलाकों में अवैध उत्पादन जारी।
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) सहित किसी विभाग से अनुमति नहीं, फिर भी लगातार कारोबार।
- राज्य सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान।
- स्थानीय लोगों का आरोप—अधिकारियों की मिलीभगत और कागजी कार्रवाई तक सीमित अभियान।
- सवाल—क्या प्रशासन अब सख्त कार्रवाई करेगा या अवैध कारोबार यूं ही चलता रहेगा?
बरवाडीह प्रखंड में अवैध ईंट भट्ठों का कारोबार इन दिनों चरम पर है। बिना किसी वैध एनओसी (NOC) और सरकारी अनुमति के सड़क किनारे, नदी तटों के पास और ग्रामीण इलाकों में खुलेआम कई भट्ठे संचालित हो रहे हैं। सबसे अधिक अवैध गतिविधि उक्कामाड़, घोड़ा करम, बेतला, केचकी, मुर्गीडीह, छिपादोहर, हरातू, केड़, नावाडीह और आचार पहाड़ क्षेत्र में देखी जा रही है, जहां भट्ठों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
जिम्मेदार अधिकारी मौन, स्थानीय लोगों में नाराजगी
सबसे हैरानी की बात यह है कि कई जिम्मेदार अधिकारी रोजाना इसी मार्ग से गुजरते हैं, लेकिन अवैध गतिविधि पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासनिक मौन से साफ संकेत मिलता है कि या तो अधिकारी स्थिति को नजरअंदाज कर रहे हैं या फिर पूरी कार्रवाई सिर्फ कागजों में दिखाई जाती है।
लोगों के अनुसार अवैध भट्ठों पर कार्रवाई का दावा हर साल किया जाता है, लेकिन जमीनी स्तर पर उसका कोई असर नहीं दिखता।
कानूनी रूप से आवश्यक परमिशन, लेकिन बरवाडीह में पूरी तरह अनदेखी
नियमों के अनुसार ईंट भट्ठा संचालन के लिए कुछ अनिवार्य प्रक्रियाएँ पूरी करनी होती हैं:
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) से अनिवार्य एनओसी।
- भूमि उपयोग की वैधानिक अनुमति।
- पर्यावरणीय सुरक्षा और मानकों का पालन।
- मजदूरों की सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्था।
- राजस्व विभाग को नियमित कर भुगतान।
लेकिन बरवाडीह क्षेत्र में इन सभी नियमों की खुलेआम अनदेखी हो रही है। भट्ठों के मालिक बिना किसी जांच, दस्तावेज़ या अनुमति के बड़े पैमाने पर ईंट उत्पादन कर रहे हैं।
सरकार को हो रहा भारी राजस्व नुकसान
राज्य सरकार को इन अवैध भट्ठों से हर साल लाखों रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है। बिना रजिस्ट्रेशन और बिना टैक्स के चल रहे ये भट्ठे सरकारी खजाने को लगातार नुकसान पहुँचा रहे हैं। इसके अलावा पर्यावरण पर भी इसका सीधा असर पड़ रहा है—धुआं, राख और मिट्टी कटाव की समस्या बढ़ती जा रही है।
स्थानीय लोगों की पीड़ा—“कार्रवाई सिर्फ कागजों पर होती है”
ग्रामीणों का कहना है कि अवैध भट्ठों के कारण सड़कों पर भारी वाहन लगातार दौड़ते हैं, जिससे धूल, प्रदूषण और रास्तों की खराब स्थिति से उनका जीवन प्रभावित हो रहा है। कई स्थानों पर खेतों की मिट्टी काटकर ईंट निर्माण किया जा रहा है, जिससे कृषि पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है।
एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा,
“जब भी शिकायत होती है, अधिकारी आते हैं, तस्वीरें लेते हैं और वापस चले जाते हैं। कुछ दिनों बाद फिर वही काम शुरू हो जाता है।”
प्रशासन पर सवाल—क्या होगी कड़ी कार्रवाई?
इन अवैध भट्ठों की बढ़ती संख्या न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि प्रशासनिक निष्क्रियता और संभावित मिलीभगत की ओर भी इशारा करती है। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस पर सख्ती से कार्रवाई करेगा या फिर यह अवैध कारोबार इसी तरह फलता-फूलता रहेगा?
न्यूज़ देखो: अवैध कारोबार पर लगाम जरूरी
बरवाडीह क्षेत्र में अवैध ईंट भट्ठों का बढ़ता दायरा प्रशासनिक लापरवाही की दर्दनाक तस्वीर पेश करता है। नियमों की खुलेआम अनदेखी न सिर्फ सरकार को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि पर्यावरण और स्थानीय लोगों के जीवन को भी प्रभावित कर रही है। अब समय है कि जिम्मेदार विभाग संयुक्त अभियान चलाएं और वास्तविक कार्रवाई को जमीन पर उतारें।
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जागरूक बनें और प्रशासन को जवाबदेह बनाएं
अवैध गतिविधियों को रोकना सिर्फ सरकार का काम नहीं, बल्कि जनता की भागीदारी भी उतनी ही जरूरी है। आप अपने क्षेत्र में हो रही अनियमितताओं की जानकारी दें, आवाज उठाएँ और कानून के पालन की मांग करें।
क्या आप भी अपने क्षेत्र में ऐसे अवैध भट्ठे देख रहे हैं? अपनी राय और सुझाव कमेंट करें, खबर साझा करें और जागरूकता बढ़ाएँ।





