
#बिशुनपुर #गुमला : अवैध बॉक्साइट खनन पर कार्रवाई करने गई टीम पर नकाबपोश अपराधियों ने हमला कर सरकारी संपत्ति लूटी और कर्मियों को गंभीर रूप से घायल किया
- बिशुनपुर जंगल में अवैध बॉक्साइट खनन के खिलाफ कार्रवाई पर वन विभाग की टीम पर जानलेवा हमला।
- अपराधियों ने 5 सरकारी ट्रक और 2 जेसीबी जब्त कर फरार।
- वन विभाग के एक कर्मी और चालक गंभीर रूप से घायल।
- प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े, स्थानीय लोग सुरक्षा को लेकर चिंतित।
- गुड्डू साहू, संदीप साहू और शिवनाथ उरांव समेत कई अज्ञात अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज, लेकिन अब तक गिरफ्तारी नहीं।
बिशुनपुर के हड़प जंगल क्षेत्र में डीएफओ के निर्देश पर अवैध बॉक्साइट खनन को रोकने गई 15 सदस्यीय वन विभाग की टीम पर नकाबपोश हथियारबंद अपराधियों ने अचानक हमला कर दिया। टीम के नेतृत्व में फॉरेस्टर किशोर नंद कुमार और शेखर कुमार सिंह शामिल थे। टीम ने पांच ट्रक और दो जेसीबी को जब्त कर मुख्यालय ले जाने की प्रक्रिया शुरू की थी, तभी अपराधियों ने हमला बोलकर वाहनों को छीन लिया और कर्मियों को गंभीर रूप से घायल कर दिया।
जानलेवा हमला और संगठित माफिया
वनकर्मी राजेंद्र उरांव और चालक राम महली को पीटकर घायल किया गया। टीम को जंगल से पीछे हटना पड़ा। फॉरेस्टर किशोर नंद कुमार ने कहा:
“हम लोग पूरी ईमानदारी से कानून के तहत अपना कर्तव्य निभा रहे थे। हमला पूरी तरह योजनाबद्ध था। इसके पीछे संगठित अवैध खनन गिरोह का हाथ है।”
वन विभाग और पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह हमला किसी अकेले अपराधी का नहीं, बल्कि संगठित खनन माफिया नेटवर्क का काम था। जांच में कई प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता की भी संभावना जताई जा रही है।
प्राथमिकी और गिरफ्तारी की कार्रवाई
बिशुनपुर थाना प्रभारी अर्जुन कुमार यादव के निर्देश पर नामजद आरोपियों— गुड्डू साहू (ग्राम मेनाबगीचा), संदीप साहू (ग्राम सेरका चौक), शिवनाथ उरांव (ग्राम हड़प) के अलावा कई अज्ञात अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस की कई टीमें छापेमारी और गिरफ्तारी में लगी हुई हैं।
जनता में आक्रोश और प्रशासन पर दबाव
घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा और असुरक्षा का माहौल है। लोग मांग कर रहे हैं कि अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए, उनके नेटवर्क का पर्दाफाश हो और जब्त की गई ट्रक और जेसीबी रिकवर की जाए। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो लोग मानते हैं कि जंगल पूरी तरह माफिया के नियंत्रण में चला जाएगा।



न्यूज़ देखो: अवैध खनन और वन सुरक्षा की चुनौती
यह घटना बताती है कि अवैध खनन माफिया किस हद तक बेखौफ हो चुका है और जंगल में कानून का शासन कमजोर होता जा रहा है। वन विभाग और प्रशासन के लिए जरूरी है कि न केवल अपराधियों की गिरफ्तारी हो, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए रणनीतिक सुरक्षा उपाय लागू किए जाएँ। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जंगल सुरक्षित तभी, जब प्रशासन सख्त और जनता जागरूक
वन क्षेत्र में अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखें, संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत वन विभाग या पुलिस को दें। इस खबर को शेयर करें और कमेंट में बताएं—क्या आपके क्षेत्र में भी अवैध खनन के मामले बढ़ रहे हैं?





