#धनबाद #अवैधखनन : केसरगढ़ में मौत की खदान — प्रशासन मौन, माफिया सक्रिय
- बाघमारा के केसरगढ़ में अवैध कोयला खनन के दौरान चाल धंसने से बड़ी दुर्घटना।
- 15 मजदूरों की मौत की आशंका, 30 और दबे होने की संभावना।
- हादसे के बाद अवैध मुहाने को बंद कर मामला दबाने की कोशिश।
- कोयला माफिया और अधिकारी पर मिलीभगत के गंभीर आरोप।
- प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर उठ रहे सवाल।
धनबाद में मौत की खदान: एक और काला सच
झारखंड के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड स्थित केसरगढ़ गांव में बुधवार देर रात अवैध कोयला खनन के दौरान भयावह हादसा हुआ। जमुनिया शिव मंदिर के पास चाल धंसने से अब तक 15 मजदूरों के मारे जाने की आशंका है, जबकि करीब 30 मजदूर अंदर फंसे होने की संभावना जताई जा रही है।
हादसे के बाद मुहाने बंद, माफिया की सक्रियता
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, घटना के बाद अवैध खनन के मुहाने को आनन-फानन में बंद कर दिया गया। आरोप है कि कोयला माफिया रातभर दबे हुए शवों को ठिकाने लगाने में जुटे हैं, ताकि मामला दबाया जा सके। यह स्थिति न केवल भयावह है, बल्कि कानून-व्यवस्था और मानवीय संवेदना पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।
प्रशासन और नेताओं की चुप्पी पर गुस्सा
ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासनिक लापरवाही और राजनीतिक मौन को लेकर नाराजगी जताई है।
ग्रामीणों ने कहा: “सरकार और अधिकारी क्या लाशों की संख्या बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं? मजदूरों की जान की कीमत आखिर क्या है?”
जिम्मेदार कौन?
यह पहला मौका नहीं है जब धनबाद में अवैध खनन ने मानव जीवन को निगल लिया हो। सवाल यह है कि बीसीसीएल, स्थानीय प्रशासन, पुलिस और जनप्रतिनिधि आखिर क्यों चुप हैं? क्या उनकी भूमिका महज दर्शक बनने की है?

न्यूज़ देखो: मौत की खदानों पर कब लगेगा ताला?
धनबाद में अवैध खनन का यह ताजा हादसा उस सिस्टम का काला चेहरा उजागर करता है जो भ्रष्टाचार और मिलीभगत पर टिका है। सरकार और प्रशासन को अब सोचना होगा कि जनता की जान से बड़ा मुनाफा नहीं हो सकता। न्यूज़ देखो इस पर नजर बनाए रखेगा—हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
अब आपकी बारी: सवाल उठाइए, आवाज बुलंद कीजिए
अवैध खनन की यह कहानी सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि सिस्टम की नाकामी का आईना है। इस मुद्दे पर अपनी राय कमेंट में साझा करें, खबर को शेयर करें और जिम्मेदारों को जवाबदेह बनाने में अपना योगदान दें।