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गवरवा बांकी नदी से हो रहा अवैध बालू उत्खनन, प्रशासन बना मूकदर्शक

#गढ़वा #अवैध_खनन — बांकी नदी में खुलेआम बालू की चोरी, ग्रामीणों की जान पर खतरा, प्रशासन अब भी निष्क्रिय

खुलेआम हो रहा अवैध कारोबार, कोई रोकने वाला नहीं

गढ़वा जिले के मझिआंव प्रखंड अंतर्गत गवरवा स्थित बांकी नदी में बड़े पैमाने पर अवैध बालू का उत्खनन लगातार जारी है। यह बालू चोरी-छिपे निकालकर दवानकारा, रजबंधा, बंका, मेराल और विशुनपुरा जैसे गांवों में मंहगे दामों पर बेचा जा रहा है, जिससे बालू माफियाओं को भारी मुनाफा हो रहा है। हैरानी की बात है कि एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) द्वारा स्पष्ट रोक के बावजूद प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

ग्रामीणों में बढ़ती बेचैनी, सड़कों पर मंडरा रहा हादसे का साया

स्थानीय लोगों का कहना है कि बालू के परिवहन के लिए तेज रफ्तार ट्रैक्टरों का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे रोजमर्रा की जिंदगी खतरे में पड़ गई है। ग्रामीण सड़कों पर चलने में असहज महसूस कर रहे हैं, बुजुर्ग और स्कूली बच्चे विशेष रूप से असुरक्षित हो गए हैं। ट्रैक्टरों की रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन अब तक कोई नियमित जांच या रोकथाम अभियान शुरू नहीं हुआ है।

प्रशासन की निष्क्रियता पर उठे सवाल

स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि प्रशासन की निष्क्रियता के कारण यह अवैध खनन का गोरखधंधा फल-फूल रहा है। यह स्थिति सिर्फ पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचा रही, बल्कि सामाजिक और आर्थिक असंतुलन भी पैदा कर रही है। जनता की लगातार शिकायतों के बावजूद प्रशासन का चुप्पी साधे रहना कई सवाल खड़े करता है।

पुलिस ने दी जांच और कार्रवाई की बात

मझिआंव थाना प्रभारी सुनील तिवारी ने कहा: “इस संबंध में मुझे पहले जानकारी नहीं थी। अब जब मामला सामने आया है, तो जांच शुरू कर दी गई है। यदि कोई व्यक्ति अवैध रूप से बालू का उत्खनन करता पाया गया, तो उसके विरुद्ध नियम अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

न्यूज़ देखो: जनता की आवाज बनता ग्राउंड रिपोर्टिंग

गढ़वा के गवरवा से सामने आई यह रिपोर्ट दर्शाती है कि किस तरह प्रशासन की अनदेखी में प्राकृतिक संसाधनों की लूट जारी है। एक ओर सरकार पर्यावरण संरक्षण की बात करती है, दूसरी ओर स्थानीय स्तर पर जिम्मेदार एजेंसियों की चुप्पी पूरे तंत्र पर सवाल खड़ा करती है। न्यूज़ देखो इस तरह की जन सरोकार से जुड़ी खबरों को उजागर करता रहेगा, ताकि जिम्मेदार पक्ष कार्रवाई के लिए बाध्य हों।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

नागरिक जिम्मेदारी की ओर एक कदम

समाज में बदलाव तब आता है जब आम लोग सजग और जागरूक बनते हैं। इस तरह के मामलों में स्थानीय प्रशासन पर जवाबदेही तय करना और प्रदूषण व असुरक्षा के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है।

आप भी इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया कमेंट करें, इसे रेट करें और अपने दोस्तों-रिश्तेदारों से साझा करें, ताकि अवैध गतिविधियों के खिलाफ जनदबाव बनाया जा सके।

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