
#जारीगुमला #कृषिबाजार_सुधार : “न्यूज़ देखो” की रिपोर्ट के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया — किसानों की मिर्ची अब 80 रुपये किलो में बिक रही है
- 150 एकड़ में मिर्ची उगाकर मेहनत करने वाले किसानों को शुरू में बाजार नहीं मिल रहा था
- प्रशासन ने “न्यूज़ देखो” की रिपोर्ट के बाद जिला उद्यान विभाग को सक्रिय किया
- उद्यान पदाधिकारी तमन्ना परवीन ने बाहरी बाजारों से संपर्क कर बेहतरीन दाम दिलवाए
- किसानों को अब 70–80 रुपये प्रति किलो का भाव मिलने से आय में हुई वृद्धि
- किसानों ने उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित और मीडिया का जताया आभार
बाजार भाव न मिलने से थे मायूस, मीडिया ने दी आवाज़
जारी (गुमला): जारी प्रखंड के किसानों ने इस बार 150 एकड़ भूमि में मिर्ची की खेती की थी। लेकिन जब फसल तैयार हुई, तो उन्हें उचित बाजार मूल्य नहीं मिल रहा था। इस कारण किसान काफी चिंतित थे। अधिक उत्पादन होने के बावजूद स्थानीय बाजार में मात्र 15–20 रुपये प्रति किलो की दर से ही खरीदी हो रही थी, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा था।
इस स्थिति की खबर “न्यूज़ देखो” ने प्रमुखता से प्रकाशित की, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया।
जिला प्रशासन की तत्परता से बदला बाजार परिदृश्य
खबर सामने आने के बाद उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने इस विषय को गंभीरता से लिया और जिला उद्यान पदाधिकारी तमन्ना परवीन को त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके बाद उद्यान विभाग ने स्थानीय किसानों से संपर्क कर उनकी उपज का बाहरी बाजारों में विपणन शुरू कराया। किसानों को अब प्रति किलो 70 से 80 रुपये तक का मूल्य मिल रहा है, जिससे उन्हें लाभ होने लगा है।
किसान जावेद अंसारी ने कहा: “पहले तो बाजार भाव सुनकर दिल बैठ गया था। लेकिन न्यूज़ देखो ने हमारी आवाज़ उठाई और अब हमारी मिर्ची की कीमत मिल रही है। प्रशासन का शुक्रिया।”
उत्साहित हैं किसान, अब नई तकनीकों को अपनाने की तैयारी
मिर्ची की खेती करने वाले किसान जैसे जाकिर खान, जियारुल अंसारी, सबान अंसारी, वाहिद खान, रशीद खान, हसन खान, वकील अंसारी, जावेद अंसारी आदि अब खुश हैं और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। अब ये किसान अगली फसलों के लिए ड्रिप इरिगेशन, उन्नत बीज, और जैविक खाद जैसी तकनीकों को अपनाने की योजना बना रहे हैं।
तमन्ना परवीन, जिला उद्यान पदाधिकारी ने कहा: “हमारा प्रयास रहेगा कि किसानों की उपज का उचित मूल्य उन्हें दिलवाया जाए। बाजार से जुड़ाव ही आत्मनिर्भरता की दिशा है।”
मीडिया की भूमिका और जनभागीदारी का परिणाम
यह मामला साबित करता है कि जब मीडिया, प्रशासन और जनता एकजुट होकर काम करते हैं, तो बड़ा परिवर्तन संभव है। मिर्ची की खेती का यह मॉडल अब अन्य प्रखंडों के किसानों के लिए प्रेरणा बन सकता है। प्रशासन ने भी संकेत दिए हैं कि अन्य क्षेत्रों में भी फसल विपणन को दुरुस्त किया जाएगा।
उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने कहा: “किसानों की हर समस्या हमारी प्राथमिकता है। हम सुनिश्चित करेंगे कि उनका पसीना कभी व्यर्थ न जाए।”



न्यूज़ देखो: मीडिया की आवाज़ से बदली किसानों की किस्मत
न्यूज़ देखो ने किसानों की पीड़ा को केवल प्रकाशित ही नहीं किया, बल्कि उन्हें समाधान तक पहुंचाने की भूमिका निभाई। यह रिपोर्ट इस बात का प्रमाण है कि जमीनी पत्रकारिता ही असली बदलाव की जननी बन सकती है। किसान अब खुश हैं, मिर्ची की चमक उनके चेहरों तक पहुंच गई है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सकारात्मक सोच से बनेगा समृद्ध समाज
हमें गर्व है कि मीडिया की एक रपट से दर्जनों किसानों की आय में बढ़ोतरी हुई। समय आ गया है कि हम सब सजग नागरिक बनें, ऐसी खबरों को पढ़ें, साझा करें और आगे बढ़ाएं। यदि आपके गांव-समाज में भी कोई समस्या या समाधान है, तो टिप्पणी करें, शेयर करें, और अपने मित्रों को जागरूक करें।