
#चंदवा #नवरात्र : शारदीय नवरात्रि के अवसर पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा और आराधना पूरे श्रद्धा और आस्था के साथ की जा रही है।
- नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विशेष पूजा।
- प्रत्येक रूप जैसे शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री का अलग महत्व।
- पर्व का धार्मिक अर्थ है अच्छाई की बुराई पर विजय और शक्ति की उपासना।
- समाज में एकता, सहयोग और सांस्कृतिक समरसता का संदेश।
- झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने भक्तों को शुभकामनाएं और सकारात्मक संदेश दिया।
चंदवा में शारदीय नवरात्रि के अवसर पर मां दुर्गा की भव्य पूजा और आराधना पूरे श्रद्धा और आस्था के साथ की जा रही है। इस पर्व में धर्मग्रंथों के अनुसार मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विशेष पूजा होती है। प्रत्येक रूप अपनी अलग शक्ति, महत्व और आशीर्वाद के लिए पूजे जाते हैं।
मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का महत्व
शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं और शांति व शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं। ब्रह्मचारिणी तप और संयम की देवी हैं। चंद्रघंटा सौभाग्य और शांति प्रदान करती हैं। कूष्मांडा सृष्टि की जननी और सृष्टि-संरचना की देवी हैं। स्कंदमाता मातृत्व और संरक्षण का प्रतीक हैं। कात्यायनी महिषासुर मर्दिनी के रूप में बुराई का नाश करती हैं। कालरात्रि भय नाशिनी हैं। महागौरी शांति और सौम्यता का प्रतीक हैं और सिद्धिदात्री भक्तों को सिद्धि और मोक्ष प्रदान करती हैं।
दुर्गा पूजा का धार्मिक और सामाजिक महत्व
मान्यता है कि मां दुर्गा ने महिषासुर जैसे दैत्य का वध कर धर्म और सत्य की रक्षा की। तभी से यह पर्व अच्छाई की बुराई पर विजय और शक्ति की उपासना के रूप में मनाया जाता है। नवरात्रि समाज में एकता, सहयोग और सांस्कृतिक समरसता फैलाने वाला पर्व है, जो पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है।
लाल मोती नाथ शाहदेव, झारखंड मुक्ति मोर्चा जिला अध्यक्ष ने कहा: “मां दुर्गा की पूजा हमें यह संदेश देती है कि अन्याय और अधर्म चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, सत्य और धर्म की हमेशा विजय होती है। नवरात्र का पर्व समाज में आपसी भाईचारे और मातृशक्ति की आराधना का प्रतीक है।”
प्रखंड अध्यक्ष मनोज चौधरी और युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष अंकित कुमार तिवारी ने श्रद्धालुओं को नवरात्र की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि माता रानी की कृपा सभी भक्तों पर बनी रहे और यह पर्व केवल धार्मिक अवसर नहीं बल्कि समाज को ऊर्जा, शक्ति और सकारात्मक सोच देने का माध्यम भी है।
न्यूज़ देखो: नवरात्रि में शक्ति और सामाजिक समरसता
मां दुर्गा की पूजा केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि समाज में एकता, सहयोग और सकारात्मक ऊर्जा फैलाने का अवसर भी है। नौ रूपों की आराधना श्रद्धालुओं को आस्था, अनुशासन और शक्ति का अनुभव कराती है।
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श्रद्धा, सुरक्षा और समाजिक सौहार्द बनाए रखें
नवरात्रि का पर्व केवल पूजा-अर्चना का ही नहीं बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी और एकजुटता का प्रतीक भी है। आइए, हम सब मिलकर इस अवसर पर श्रद्धा, अनुशासन और सौहार्द बनाए रखें। अपनी राय कॉमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और आस्था और जागरूकता का संदेश फैलाएँ।