
#गढ़वा #क्राइम : पत्नी से विवाद के बाद मासूम की संदेहास्पद मौत, मां ने लगाया पिता पर गला दबाकर हत्या का आरोप
- डंडा थाना क्षेत्र के बहेरवादह टोले में मासूम की मौत से मातम।
- डेढ़ माह के बच्चे मनीष कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत।
- मां नीलम देवी ने पिता राजू चौधरी पर लगाया गला दबाकर हत्या का आरोप।
- डंडा पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा, जांच जारी।
- थाना प्रभारी बोले – हत्यारा कोई भी हो, बख्शा नहीं जाएगा।
गढ़वा जिले के डंडा थाना क्षेत्र के बहेरवादह टोले में मंगलवार की सुबह दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। डेढ़ माह के दुधमुंहे बच्चे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मासूम की मौत की खबर से गांव में मातम छा गया और लोग गमगीन हो गए।
जानकारी के अनुसार मृतक बच्चा मनीष कुमार की मां नीलम देवी पिछले कुछ दिनों से अपने मायके बहेरवादह टोले में रह रही थी, जबकि उसका ससुराल पलामू जिले के मोहम्मदगंज थाना क्षेत्र के भजनिया गांव में है। सोमवार की शाम नीलम देवी का पति राजू चौधरी भजनिया से अपने पत्नी और बच्चे को लेने मायके पहुंचा।
विवाद के बाद मासूम की मौत
परिजनों के अनुसार पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ। इसके बाद देर रात करीब 3 से 4 बजे के बीच राजू चौधरी वहां से लौट गया। सुबह होते ही मासूम बच्चे की मौत हो गई। घटना की खबर फैलते ही परिजन और ग्रामीण स्तब्ध रह गए।
मां का आरोप और पुलिस कार्रवाई
मृत बच्चे की मां नीलम देवी ने पुलिस को आवेदन देकर अपने पति राजू चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि विवाद के बाद राजू ने ही बच्चे का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
घटना की जानकारी मिलते ही डंडा थाना प्रभारी दिलीप कुमार अपने दल बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा तैयार किया और पोस्टमार्टम के लिए गढ़वा सदर अस्पताल भेजा। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
थाना प्रभारी दिलीप कुमार ने कहा कि पूरे मामले की जांच गहनता से की जा रही है और दोषी कोई भी हो, उसे किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
न्यूज़ देखो: मासूम की हत्या समाज के लिए चेतावनी
गढ़वा की यह घटना समाज और इंसानियत के लिए बड़ा सवाल खड़ा करती है। एक मासूम, जिसने अभी दुनिया देखनी भी शुरू नहीं की थी, उसकी जान लेने का आरोप पिता पर लगना बेहद विचलित करने वाला है। ऐसे मामलों में पुलिस और न्याय व्यवस्था की त्वरित कार्रवाई ही पीड़ित परिवार को न्याय दिला सकती है।
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अब समय है मासूमों की सुरक्षा पर गंभीर सोच का
यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि घरेलू विवाद और कलह का सबसे बड़ा शिकार अक्सर मासूम बच्चे बन जाते हैं। अब समय है कि समाज और परिवार दोनों स्तर पर जागरूकता बढ़े ताकि ऐसी हृदयविदारक घटनाओं को रोका जा सके। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि लोगों में जागरूकता फैले और पीड़ित परिवार को न्याय की राह आसान हो।