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गढ़वा में सनातनी धर्मरक्षक अर्जुन पाण्डेय ने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की

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#गढ़वा #सामाजिक_संवेदना : जामुनडीह में शोक संतप्त परिवार से मिलकर अर्जुन पाण्डेय ने मानवता और संवेदनशीलता की अहमियत पर जोर दिया
  • अर्जुन पाण्डेय (गुरु पाण्डेय) शनिवार को गढ़वा के जामुनडीह पहुँचे और शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की।
  • इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष अमित तिवारी, जामुनडीह पंचायत के मुखिया कृष्णकांत चौबे, सुनील पाण्डेय (लल्लू पाण्डेय) और धीरेन्द्र तिवारी उर्फ गुड्डू तिवारी उपस्थित रहे।
  • अर्जुन पाण्डेय ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि आजकल लोग केवल ऑनलाइन संवेदना दिखाते हैं, असली मानवता साथ खड़े होकर ही दिखाई देती है।
  • उन्होंने जीवन और मृत्यु के विधान की बात करते हुए कहा कि दुख-सुख में साथ खड़ा होना रिश्तों को मजबूत करता है और संवेदनशील बनाता है।
  • अर्जुन पाण्डेय गढ़वा क्षेत्र में प्रमुख सनातनी धर्मरक्षक के रूप में परिचित हैं और सामाजिक-धार्मिक आयोजनों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं।

सनातनी धर्मरक्षक अर्जुन पाण्डेय ने शनिवार को गढ़वा के जामुनडीह पहुँचकर शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने परिवार के सदस्यों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की और कहा कि आधुनिक समय में लोगों की संवेदनशीलता अक्सर ऑनलाइन ही सीमित रह जाती है, जबकि वास्तविक मानवता और संबंध तब प्रकट होते हैं जब मुश्किल समय में एक-दूसरे का साथ निभाया जाता है।

संवेदना और मानवता का संदेश

अर्जुन पाण्डेय ने परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और जीवन-मरण के विधान की बात करते हुए कहा कि दुख और कठिनाइयों में एक-दूसरे का साथ निभाना समाज और रिश्तों की मजबूती के लिए आवश्यक है। उन्होंने उपस्थित लोगों को समझाया कि इंसानियत केवल शब्दों से नहीं बल्कि कार्यों से दिखाई देती है।

अर्जुन पाण्डेय ने कहा: “आजकल लोग सुख-दुख में केवल ऑनलाइन शोक व्यक्त करते हैं, असली मानवता साथ आकर समर्थन देने में है। जीवन-मरण के विधान होते हैं, लेकिन दुख-सुख में एक-दूसरे के साथ खड़ा होना सबसे बड़ी मानवता है।”

सामाजिक और धार्मिक भूमिका

अर्जुन पाण्डेय गढ़वा क्षेत्र में सनातनी धर्मरक्षक के रूप में पहचाने जाते हैं। वे लगातार सामाजिक और धार्मिक आयोजनों में भाग लेकर समुदाय को जागरूक करते रहते हैं। उनकी यह पहल सिर्फ संवेदनशीलता का परिचायक नहीं बल्कि समाज में आपसी सहयोग और सहानुभूति को बढ़ावा देने वाला उदाहरण भी है।

अर्जुन पाण्डेय ने कहा: “रिश्तों को मजबूत करने और संवेदनशील बनने की प्रेरणा तभी मिलती है जब हम मुश्किल समय में साथ खड़े हों।”

इस अवसर पर उपस्थित अन्य नेताओं और पंचायत सदस्यों ने भी परिवार को सांत्वना दी और अर्जुन पाण्डेय की इस पहल की सराहना की। यह घटना क्षेत्र में सामाजिक सहयोग और मानवीय संवेदनशीलता का एक प्रेरक उदाहरण साबित हुई।

न्यूज़ देखो: गढ़वा में मानवता और संवेदनशीलता का उदाहरण

अर्जुन पाण्डेय की यह पहल दर्शाती है कि कठिन समय में संवेदना और समर्थन व्यक्त करना केवल मानवीय कर्तव्य ही नहीं, बल्कि समाज में रिश्तों और सहयोग की भावना को मजबूत करने का तरीका भी है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

संवेदनशील समाज के निर्माण में योगदान दें

हम सभी को चाहिए कि दुख और कठिनाइयों के समय अपने आसपास के लोगों का साथ दें और मानवता का संदेश फैलाएं। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और समाज में सहानुभूति और सहयोग बढ़ाने में मदद करें।

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