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गढ़वा में राखी के धागे से जुड़ा पुलिस और छात्राओं का भरोसेमंद रिश्ता

#गढ़वा #रक्षाबंधन : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं ने पुलिस के साथ मनाया भाईचारे का पर्व — सुरक्षा, जागरूकता और विश्वास का संदेश

गढ़वा जिले के भंडरिया थाना परिसर में आज का माहौल भाईचारे और अपनत्व से भर गया, जब कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं ने पुलिस पदाधिकारियों और जवानों की कलाई पर राखी बांधी। इस अवसर पर थाना प्रभारी भंडरिया, जैप-08 के सैट 130 और IRB-10 Parro पिकेट के पुलिस पदाधिकारी एवं जवान मौजूद थे। कार्यक्रम में रक्षा बंधन का त्यौहार केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक बनकर उभरा।

राखी के साथ जागरूकता का संदेश

रक्षाबंधन के अवसर पर सिर्फ मिठास और मुस्कान ही नहीं, बल्कि ज्ञान और जागरूकता भी बांटी गई। पुलिस पदाधिकारियों ने छात्राओं को नए कानूनों, यातायात नियमों, और नशे के दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही, डायन-बिसाही जैसी कुप्रथाओं और अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जागरूक रहने का संदेश दिया गया। यह संवादात्मक सत्र छात्राओं के लिए बेहद उपयोगी साबित हुआ, क्योंकि उन्होंने खुलकर अपने सवाल रखे और पुलिसकर्मियों से मार्गदर्शन प्राप्त किया।

पुलिस-समाज के रिश्ते को मजबूत करता आयोजन

इस कार्यक्रम ने छात्राओं और पुलिस के बीच एक भरोसेमंद पुल का काम किया। पुलिस पदाधिकारियों ने छात्राओं को यह भरोसा दिलाया कि वे हमेशा उन्हें सुरक्षित माहौल प्रदान करेंगे और उनके सहयोग के लिए तत्पर रहेंगे। रक्षाबंधन जैसे अवसर पर यह संदेश और भी गहरा हो गया कि पुलिस केवल कानून लागू करने वाली ताकत नहीं, बल्कि समाज का सुरक्षा कवच है।

उपहार और शुभकामनाओं से बढ़ा उत्साह

कार्यक्रम के अंत में पुलिस पदाधिकारियों ने छात्राओं को उपहार देकर उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। इस छोटे से कदम ने छात्राओं के चेहरों पर मुस्कान ला दी और उन्हें यह एहसास दिलाया कि उनका पुलिस पर भरोसा सही जगह है।

न्यूज़ देखो: रक्षाबंधन पर सुरक्षा और विश्वास की डोर

गढ़वा पुलिस द्वारा छात्राओं के साथ मनाया गया रक्षाबंधन सिर्फ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सुरक्षा, स्नेह और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक है। ऐसे आयोजनों से पुलिस और समाज के बीच विश्वास की डोर और भी मजबूत होती है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

एकजुटता और सहयोग से ही सुरक्षित समाज

सुरक्षित और खुशहाल समाज तभी बन सकता है जब पुलिस और नागरिकों के बीच आपसी विश्वास कायम हो। ऐसे कार्यक्रम हमें याद दिलाते हैं कि रिश्तों की मजबूती केवल शब्दों से नहीं, बल्कि कर्मों से होती है। इस खबर को शेयर करें और अपने विचार हमें कमेंट में बताएं, ताकि ऐसे प्रेरक प्रयास और आगे बढ़ें।

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