
#गिरिडीह #धमकी : वीडियो जारी कर युवक ने जमीन विवाद और व्यक्तिगत कारणों को लेकर दो मंत्रियों के खिलाफ गंभीर बयान दिए
- गिरिडीह बाभन टोली निवासी अंकित कुमार मिश्रा ने वीडियो जारी किया।
- नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को दी जान से मारने की धमकी।
- वीडियो में लॉरेंस विश्नोई गैंग से रिश्ते का जिक्र किया।
- जमीन विवाद और व्यक्तिगत कारणों को बताया दुश्मनी का आधार।
- वीडियो जमुई (बिहार) से जारी हुआ।
- गिरिडीह पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।
गिरिडीह में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक युवक ने वीडियो जारी कर सीधे दो मंत्रियों को जान से मारने की धमकी दी है। युवक ने खुद को बाभन टोली निवासी अंकित कुमार मिश्रा बताया और कहा कि नगर विकास मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री उसके निशाने पर हैं। इस धमकी में उसने कुख्यात अपराधी लॉरेंस विश्नोई से रिश्तों का भी हवाला दिया। वीडियो बिहार के जमुई से जारी किया गया है और इसके सामने आते ही इलाके में सनसनी फैल गई है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।
धमकी भरे वीडियो का खुलासा
वीडियो में युवक ने नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी का नाम लेते हुए कहा कि वह दोनों को मार देगा। उसने साफ कहा कि उसकी नाराज़गी जमीन विवाद से जुड़ी है, जहां मंत्री से जुड़े कुछ लोगों ने उसके साथ मारपीट की थी।
युवक ने कहा कि वह तब तक शांत नहीं होगा जब तक मंत्री उससे माफी नहीं मांग लेते। यह बयान न सिर्फ प्रशासन बल्कि पूरे राजनीतिक हलके के लिए चिंता का विषय बन गया है।
लॉरेंस विश्नोई गैंग से जोड़ने की कोशिश
अंकित कुमार मिश्रा ने वीडियो में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई का भी नाम लिया और दावा किया कि उसके साथ उसके रिश्ते हैं। इस दावे ने धमकी को और गंभीर बना दिया है क्योंकि लॉरेंस विश्नोई गैंग देशभर में कई बड़े अपराधों के लिए कुख्यात है।
इस तरह के दावे ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने पर मजबूर कर दिया है।
स्वास्थ्य मंत्री से व्यक्तिगत दुश्मनी का आरोप
वीडियो में युवक ने यह भी कहा कि उसकी दुश्मनी स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी से व्यक्तिगत कारणों के चलते है। हालांकि, उसने इन व्यक्तिगत कारणों का विस्तार से जिक्र नहीं किया।
इस तरह की धमकी ने राजनीतिक माहौल को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है।
पुलिस की जांच और सुरक्षा व्यवस्था
वीडियो के सामने आने के बाद गिरिडीह पुलिस ने तत्काल जांच शुरू कर दी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वीडियो वास्तव में किस जगह से जारी किया गया और इसके पीछे की मंशा क्या है।
गिरिडीह पुलिस अधिकारियों ने कहा: “यह मामला बेहद गंभीर है। वीडियो की सत्यता और इसके पीछे की साजिश की जांच की जा रही है। किसी भी हाल में कानून को हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”
पुलिस ने यह भी संकेत दिया कि वीडियो वायरल करने वाले युवक की तलाश शुरू कर दी गई है और जल्द ही उसे हिरासत में लिया जाएगा।
राजनीतिक हलचल और जन प्रतिक्रिया
यह धमकी सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। दोनों मंत्रियों के समर्थक और कार्यकर्ता सतर्क हो गए हैं। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर बहस तेज हो गई है। लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि किसी युवक ने इतनी खुलकर धमकी कैसे दे दी और प्रशासन इसे रोकने में कितना सक्षम है।
कई नागरिकों ने मांग की है कि युवक को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए।
सुरक्षा एजेंसियों की चुनौतियां
ऐसे मामलों में सुरक्षा एजेंसियों के सामने बड़ी चुनौती होती है क्योंकि वीडियो धमकियां सिर्फ माहौल बिगाड़ने और डर फैलाने का जरिया भी हो सकती हैं। फिर भी इन्हें गंभीरता से लेना आवश्यक है ताकि कानून-व्यवस्था पर असर न पड़े।
इस घटना ने यह भी सवाल खड़े कर दिए हैं कि राजनीतिक हस्तियों की सुरक्षा व्यवस्था कितनी मजबूत है और इसे और बेहतर बनाने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए।
न्यूज़ देखो: लोकतंत्र में हिंसा की धमकियों की कोई जगह नहीं
गिरिडीह की इस घटना ने साफ कर दिया है कि असहमति और विवाद का समाधान कानून और बातचीत से ही संभव है। किसी भी तरह की धमकी या हिंसा लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करती है। प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी होगी ताकि जनता का भरोसा शासन पर बना रहे।
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सजग नागरिकता ही असली शक्ति
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