
#गिरिडीह #स्वास्थ्यसेवाएं : जिला उपायुक्त रामनिवास यादव की अध्यक्षता में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधार और सुगमता सुनिश्चित करने पर जोर
- जिला उपायुक्त रामनिवास यादव ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की अध्यक्षता की।
- बैठक में सदर अस्पताल और सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्थाओं पर विस्तृत चर्चा हुई।
- उपायुक्त ने स्वास्थ्य कर्मियों, चिकित्सकों और नर्सों को जिम्मेदारी एवं संवेदनशीलता के साथ कार्य करने का निर्देश दिया।
- एमओआईसी को नियमित समीक्षा और आधारभूत संरचना की गुणवत्ता जांच करने के आदेश दिए गए।
- अस्पतालों में स्टाफ, चिकित्सक उपस्थिति, दवाओं की उपलब्धता, ओपीडी संचालन, ब्लड बैंक और आयुष्मान भारत लाभार्थियों की संख्या पर विस्तृत समीक्षा की गई।
- अधिकारियों को सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की सुगमता सुनिश्चित करने और लापरवाही पर कार्रवाई करने का कड़ा निर्देश दिया गया।
गिरिडीह में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और सुगमता बढ़ाने के उद्देश्य से जिला उपायुक्त रामनिवास यादव ने अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित की। बैठक में सदर अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्थाओं का मूल्यांकन करते हुए उपायुक्त ने अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देशित किया कि वे उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग कर मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करें। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की जिम्मेदारी, अस्पताल में स्टाफ की उपस्थिति, दवाओं की उपलब्धता और ओपीडी संचालन समेत कई अहम बिंदुओं पर गहन चर्चा की गई।
स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और जवाबदेही
उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य कर्मियों, चिकित्सकों, नर्सों और एएनएम को अपने दायित्वों में कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
रामनिवास यादव ने कहा: “स्वास्थ्य सेवाओं में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी।”
उन्होंने एमओआईसी को निर्देश दिया कि वे नियमित समीक्षा करें, अस्पतालों की आधारभूत संरचना की गुणवत्ता पर ध्यान दें और उपलब्ध संसाधनों का सही उपयोग सुनिश्चित करें। इस दिशा में कदम उठाने से मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं समय पर और सुगमता से मिल सकेंगी।
अस्पतालों में स्टाफ और संसाधन प्रबंधन
बैठक में सदर अस्पताल में कार्यरत स्टाफ की संख्या, चिकित्सकों की उपस्थिति, दवाओं की उपलब्धता, ओपीडी संचालन, साफ-सफाई, महिला चिकित्सकों और नर्सों की उपस्थिति, आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की संख्या और ब्लड बैंक संचालन की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने सिविल सर्जन को निर्देशित किया कि सभी अनुमंडल अस्पतालों में अनुभवी चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित की जाए ताकि रोगी देखभाल में विशेषज्ञता और गुणवत्ता बढ़ सके।
सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच
रामनिवास यादव ने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य सुविधाओं और सेवाओं को सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक पहुंचाना प्रमुख प्राथमिकता होनी चाहिए। मरीजों को सुगम तरीके से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिले, इसके लिए संबंधित अधिकारी नियमित निगरानी करें। उन्होंने कड़ा निर्देश दिया कि कोई भी अधिकारी लापरवाही करता पाया गया तो उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में उप विकास आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी, सिविल सर्जन, अस्पताल उपाधीक्षक, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी, डीपीएम और एनएचएम सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। सभी अधिकारियों को स्वास्थ्य सेवाओं को जनहित में सर्वोच्च प्राथमिकता देने और निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया गया।
न्यूज़ देखो: स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और जवाबदेही की दिशा में निर्णायक कदम
जिला उपायुक्त की यह बैठक स्वास्थ्य विभाग में जवाबदेही और सुगमता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। अधिकारियों और कर्मियों को दिए गए स्पष्ट निर्देशों से मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं समय पर मिल सकेंगी। यह प्रयास स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में सुगमता सुनिश्चित करने का उदाहरण प्रस्तुत करता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
स्वास्थ्य सेवाओं में सक्रियता और जवाबदेही का संकल्प
हम सभी नागरिकों को चाहिए कि स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व को समझें और इसके सुचारू संचालन में सक्रिय सहयोग दें। अधिकारियों और कर्मियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जागरूक रहें। अपनी राय कमेंट में साझा करें, इस खबर को दोस्तों और परिवार तक पहुंचाएं और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जिम्मेदारी निभाएं। इससे न केवल आपके क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होंगी, बल्कि सभी के लिए एक सुरक्षित और सुलभ स्वास्थ्य ढांचा सुनिश्चित होगा।





