
#झुमरीतिलैया #जलसंकट समाधान – एसडीओ रिया सिंह की सख्ती से नगर परिषद क्षेत्र में मचा हड़कंप, अवैध जल दोहन पर कार्रवाई तेज
- गुमो क्षेत्र में सरकारी चापाकल से अवैध जल खींचने का मामला उजागर
- एसडीओ रिया सिंह ने खुद मौके पर जाकर की जांच
- दो लोगों पर 5000-5000 रुपये का जुर्माना लगाया गया
- सरकारी संसाधनों के निजी उपयोग पर दी कड़ी चेतावनी
- नगर प्रबंधक सहित कई अधिकारी रहे मौके पर मौजूद
- भविष्य में और भी कठोर कार्रवाई की दी गई चेतावनी
एसडीओ के निर्देश पर की गई जांच, मोटर जब्त कर दी गई सख्त चेतावनी
झारखंड के कोडरमा जिले के झुमरीतिलैया नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत गुमो मोहल्ले में बुधवार को सरकारी चापाकल से अवैध जल खींचने के मामले में एसडीओ रिया सिंह के नेतृत्व में कार्रवाई की गई। शिकायत मिली थी कि कुछ लोग चापाकल में मोटर लगाकर पानी अपनी टंकियों में भर रहे हैं, जिससे अन्य नागरिकों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है।
एसडीओ ने खुद मौके पर जाकर स्थल निरीक्षण किया और जांच के क्रम में सुनैना तिवारी और जगदीश साव के खिलाफ मोटर जब्त करते हुए 5000-5000 रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया। इसके साथ ही आगामी दिनों में ऐसे मामलों पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
निजी फायदे के लिए सार्वजनिक संसाधनों का दोहन क्षम्य नहीं : एसडीओ
मौके पर उपस्थित लोगों को एसडीओ रिया सिंह ने सख्त शब्दों में चेताया कि अगर भविष्य में भी कोई सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करता पाया गया, तो कानूनी कार्रवाई के तहत जुर्माना के साथ अन्य दंड भी लगाया जाएगा।
“हमारी प्राथमिकता है कि सभी नागरिकों को समान रूप से पानी मिले। सरकारी चापाकलों में मोटर लगाना गैरकानूनी है और यह समाज के प्रति अन्याय है।” — रिया सिंह, एसडीओ
एसडीओ ने यह भी कहा कि अगर पानी की आपूर्ति के समय कोई भी व्यक्ति मोटर लगाकर पानी भरते पाया गया, तो उस पर तत्काल प्रभाव से दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासनिक दल ने की निगरानी, मोटर की जब्ती के साथ जांच रिपोर्ट भी दर्ज
इस निरीक्षण अभियान में नगर प्रबंधक लेमांशु कुमार, सफाई निरीक्षक राजू राम, रेवेन्यू इंस्पेक्टर शंभू कुमार रजक, चापाकल प्रभारी लाल मोहन प्रसाद, सुदर्शन श्रीवास्तव, लाखन सिंह, राजेश कुमार एवं होमगार्ड के जवान शामिल थे। इन सभी ने मोटर जप्त करने, विवरण दर्ज करने और जुर्माना वसूलने की प्रक्रिया को पूरा किया।
स्थानीय लोगों में प्रशासन की सख्ती को लेकर चर्चा का विषय बन गया है और लोगों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है। कुछ लोगों ने प्रशासन की सक्रियता की सराहना की, तो कुछ ने वैकल्पिक जल स्रोत की मांग भी उठाई है।

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