
#सिमडेगा #खेल : राष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन, फाइनल में चंडीगढ़ को 5-0 से हराया
- केंद्रीय विद्यालय सिमडेगा की अंडर 14 टीम ने स्वर्ण पदक जीता।
- फाइनल मुकाबले में चंडीगढ़ संभाग को 5-0 से हराया।
- अंडर 17 वर्ग में भी छात्रों ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
- प्रतियोगिता में देश भर की 12 अंडर 14 और 17 अंडर 17 टीमें शामिल हुईं।
- सिमडेगा लौटने पर विजेता टीमों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
सिमडेगा के केंद्रीय विद्यालय ने खेल जगत में एक और शानदार उपलब्धि हासिल की है। 54वीं केवीएस राष्ट्रीय खेल कूद प्रतियोगिता में यहां की अंडर 14 टीम ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया। वहीं, अंडर 17 बालक वर्ग में छात्रों ने तृतीय स्थान हासिल कर जिले और विद्यालय का नाम रोशन किया।
शानदार प्रदर्शन से जीता स्वर्ण
अंडर 14 वर्ग में सिमडेगा की टीम ने लीग मुकाबलों में सभी प्रतिद्वंद्वियों को मात दी। क्वार्टर फाइनल में गुरुग्राम संभाग को 4-0, सेमीफाइनल में वाराणसी संभाग को 3-0 और फाइनल में चंडीगढ़ संभाग को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
अंडर 17 वर्ग में भी सफलता
अंडर 17 वर्ग के मुकाबलों में सिमडेगा की टीम ने मजबूत प्रदर्शन करते हुए तृतीय स्थान हासिल किया। प्रतियोगिता में देशभर से 17 टीमें इस वर्ग में शामिल हुई थीं।
विजेताओं का स्वागत
सिमडेगा लौटने पर स्कूल परिसर में विजेता टीमों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। खिलाड़ियों का फूल-मालाओं से अभिनंदन किया गया और सभी ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
विद्यालय की प्राचार्य ने इस उपलब्धि पर गर्व जताते हुए कहा कि यह सफलता जिले के युवाओं की क्षमता और मेहनत को दर्शाती है। उन्होंने खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और अभिभावकों को भी बधाई दी।
सिमडेगा की खेल परंपरा को मिला बल
सिमडेगा लंबे समय से हॉकी और खेल प्रतिभाओं की धरती माना जाता है। केंद्रीय विद्यालय सिमडेगा की इस उपलब्धि ने जिले की खेल परंपरा को और मजबूती दी है। स्थानीय लोग इस जीत को प्रेरणास्रोत मान रहे हैं और इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल बता रहे हैं।
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यह जीत सिर्फ विद्यालय या खिलाड़ियों की नहीं, बल्कि पूरे जिले की है। राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह का प्रदर्शन साबित करता है कि यदि उचित प्रशिक्षण और संसाधन मिले तो छोटे जिलों से भी देश के लिए उत्कृष्ट खिलाड़ी निकल सकते हैं।
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खेलों से मिलेगा आत्मविश्वास और सफलता
खेलों से न सिर्फ शारीरिक मजबूती मिलती है बल्कि टीमवर्क, अनुशासन और आत्मविश्वास भी बढ़ता है। अब समय है कि हम सब बच्चों को खेलों में प्रोत्साहित करें और उनके सपनों को पंख दें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि प्रेरणा हर घर तक पहुंचे।