
#महुआडांड #प्रशासनिक_व्यवस्था : रिक्त पदों के कारण पंचायतों में कामकाज प्रभावित—जनप्रतिनिधियों ने तुरंत बहाली की मांग उठाई
- महुआडांड़ प्रखण्ड में पंचायत सेवक और रोजगार सेवक के कई पद रिक्त।
- एक ही सेवक पर दो से तीन पंचायतों का अतिरिक्त कार्यभार।
- मनरेगा के मजदूरों के भुगतान में देरी, योजनाओं की प्रगति प्रभावित।
- ग्रामीणों को छोटी सेवाओं के लिए भी बार-बार प्रखंड कार्यालय चक्कर।
- जनप्रतिनिधियों ने रिक्त पदों की शीघ्र पूर्ति की मांग की।
- प्रशासनिक सुचारुता और विकास योजनाओं की रफ्तार बढ़ाने पर ग्रामीणों का जोर।
महुआडांड़ प्रखण्ड में पंचायत सेवक और रोजगार सेवक के लंबे समय से रिक्त चल रहे पदों ने पंचायत स्तर की व्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। वर्तमान स्थिति यह है कि एक पंचायत सेवक या रोजगार सेवक को दो से तीन पंचायतों का अतिरिक्त कार्यभार संभालना पड़ रहा है। इसका सीधा असर मनरेगा सहित सभी पंचायत स्तरीय सरकारी योजनाओं की गति पर पड़ रहा है। मजदूरों के भुगतान में देरी, कागज़ी कार्यवाही की रफ्तार धीमी पड़ना और लाभुकों को अपेक्षित सेवाएं न मिल पाना अब आम समस्या बन चुकी है। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि इस स्थिति के कारण पंचायतों में विकास कार्य बाधित हो रहे हैं।
रिक्त पदों से बढ़ी प्रशासनिक चुनौती
स्थानीय लोगों का कहना है कि एक सेवक पर कई पंचायतों का काम एक साथ डाल देने से न केवल काम की गुणवत्ता प्रभावित होती है, बल्कि योजनाओं के क्रियान्वयन की गति भी बेहद कम हो जाती है। कई ग्रामीणों ने बताया कि सरल कार्यों के लिए भी सेवक को दूसरी पंचायत में जाना होता है, जिसके कारण लोगों को कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है। इससे आम जनता को परेशानी और योजनाओं में अनावश्यक देरी का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों की बढ़ती नाराजगी
महुआडांड़ के ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि पंचायत सेवक और रोजगार सेवक के रिक्त पदों को जल्द भरा जाए। उनका कहना है कि जब तक पर्याप्त संख्या में सेवक उपलब्ध नहीं होंगे, तब तक प्रखण्ड का प्रशासनिक ढांचा सही तरीके से नहीं चल सकेगा। जनप्रतिनिधियों का मानना है कि रिक्त पद भरने से मनरेगा की रफ्तार में तेजी आएगी, भुगतान समय पर होगा, और योजनाओं की मॉनिटरिंग सही ढंग से की जा सकेगी।
योजनाओं की रफ्तार थमी, जनता परेशान
ग्रामीणों का कहना है कि मनरेगा कार्यों में देरी के कारण मजदूरों की आजीविका प्रभावित हो रही है। पंचायत से मिलने वाली छोटी सेवाओं—जैसे प्रमाण पत्र, योजनाओं की जानकारी, पंजीकरण या अन्य बुनियादी कार्य—के लिए भी लोग कई दिनों तक सेवक का इंतजार करते हैं। इससे पंचायत स्तर पर प्रशासनिक व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई है। ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक रिक्त पदों को नहीं भरा जाता, तब तक किसी भी सरकारी योजना का लाभ समय पर जनता तक नहीं पहुंच सकता।
न्यूज़ देखो: पंचायत व्यवस्था में रिक्त पद बन रहे विकास में बाधा
महुआडांड़ की स्थिति यह बताती है कि जमीनी स्तर पर प्रशासन चलाने वाली सबसे महत्वपूर्ण कड़ी—पंचायत सेवक और रोजगार सेवक—की अनुपस्थिति सीधे जनता को प्रभावित करती है। क्या जिला प्रशासन इन रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया तेज करेगा? विकास कार्यों की रफ्तार और मनरेगा भुगतान की नियमितता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम अनिवार्य है।
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मजबूत पंचायतें, मजबूत प्रखण्ड
पंचायत स्तर की सेवाएं जितनी मजबूत होंगी, जनता तक योजनाओं का लाभ उतनी ही तेजी से पहुँचेगा। अब समय है कि प्रशासन और समाज दोनों मिलकर यह सुनिश्चित करें कि पंचायतों में कर्मचारियों की कमी दूर हो और विकास बिना रुकावट जारी रहे।
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