
#महुआडांड #सरकारआपकेद्वार : मुखिया संघ ने किया कार्यक्रम का बहिष्कार – ब्लॉक कर्मियों पर मनमानी और रिश्वतखोरी का आरोप
- महुआडांड प्रखंड मुखिया संघ ने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का बहिष्कार करने का निर्णय लिया।
 - बैठक में गढ़बुढ़नी पंचायत की मुखिया रेनू तिग्गा ने कहा – सरकार की ओर से कोई फंड उपलब्ध नहीं कराया जाता।
 - पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा – ग्रामीणों से चंदा लेकर कार्यक्रम कराने के बावजूद आवेदनों पर कार्रवाई नहीं होती।
 - 15वें वित्त आयोग फंड के रोकने से पंचायत विकास कार्य ठप।
 - संघ ने ब्लॉक कॉर्डिनेटर कुणाल कुमार और आवास कॉर्डिनेटर उदय कुमार गुप्ता को हटाने की मांग की।
 
महुआडांड प्रखंड मुख्यालय स्थित जिला परिषद भवन सभागार में सोमवार को महुआडांड प्रखंड मुखिया संघ की बैठक आयोजित हुई। बैठक में प्रखंड के सभी पंचायतों के मुखिया शामिल हुए। बैठक में सभी प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि इस वर्ष वे सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे।
सरकार आपके द्वार कार्यक्रम पर मुखियाओं का बहिष्कार निर्णय
गढ़बुढ़नी पंचायत की मुखिया रेनू तिग्गा ने बैठक में कहा कि हर साल सरकार इस कार्यक्रम के लिए कोई भी वित्तीय सहयोग नहीं देती। कार्यक्रम कराने के लिए जनप्रतिनिधियों को ग्रामीणों से चंदा इकट्ठा करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को यह भरोसा होता है कि अधिकारी पंचायत में आकर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे, लेकिन “सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम में प्राप्त आवेदनों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। इससे ग्रामीणों में निराशा फैलती है और जनप्रतिनिधियों की साख पर असर पड़ता है।
रेनू तिग्गा ने कहा: “हम सब पंचायत प्रतिनिधि ग्रामीणों की उम्मीदों के बीच यह कार्यक्रम कराते हैं, लेकिन जब आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं होती तो जनता का विश्वास हमसे उठ जाता है। इसलिए इस वर्ष हम इस कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे।”
फंड की कमी से विकास कार्य ठप
बैठक में मुखियाओं ने बताया कि 15वें वित्त आयोग से मिलने वाला फंड पिछले डेढ़ वर्षों से रोक दिया गया है। इससे पंचायत के विकास कार्य रुक गए हैं। प्रतिनिधियों ने सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द फंड जारी किया जाए ताकि पंचायतों में रुके हुए कार्य फिर से शुरू हो सकें।
बैठक में यह भी तय किया गया कि “सरकार आपके द्वार” जैसे विशेष शिविरों के आयोजन के लिए सरकार की ओर से स्पष्ट दिशा-निर्देश और आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए। मुखियाओं ने कहा कि बिना संसाधन और सहयोग के कार्यक्रम कराना संभव नहीं है।
ब्लॉक कर्मियों पर मनमानी और पैसे लेने का आरोप
मुखिया संघ की बैठक में यह मामला भी उठाया गया कि प्रखंड कार्यालय में ब्लॉक कॉर्डिनेटर कुणाल कुमार और आवास कॉर्डिनेटर उदय कुमार गुप्ता पिछले तीन वर्षों से तैनात हैं और इनकी कार्यशैली से विकास कार्य बाधित हो रहे हैं।
रेणु तिग्गा ने कहा: “ये दोनों कर्मी मनमानी करते हैं और छोटे-बड़े कामों के लिए पैसे की मांग करते हैं। ऐसे कर्मियों को तुरंत स्थानांतरित किया जाना चाहिए।”
मुखिया संघ ने जिला प्रशासन से आग्रह किया कि संबंधित कर्मियों को महुआडांड प्रखंड से हटाया जाए ताकि पंचायत के विकास कार्य पारदर्शी और सुचारू रूप से चल सकें।
बैठक में मुखियाओं की उपस्थिति और प्रस्ताव
बैठक में महुआडांड पंचायत मुखिया प्रमिला कुजूर, रोशनी कुजूर, रीता खलखो, रेणुका टोप्पो, उषा खलखो, रेनू तिग्गा, रेखा नगेसिया, अमृता देवी, प्रदीप बडाईक, रोजालिया टोप्पो, रामबिशुन नगेसिया समेत अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
सभी ने एक स्वर में कहा कि जब तक फंड और सुविधा की पारदर्शिता नहीं होगी, तब तक वे “सरकार आपके द्वार” जैसे कार्यक्रमों में भाग नहीं लेंगे।
न्यूज़ देखो : जनता की भागीदारी तभी जब प्रशासन जवाबदेह हो
महुआडांड की यह बैठक बताती है कि पंचायत स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता की कमी जनप्रतिनिधियों में असंतोष बढ़ा रही है। यदि “सरकार आपके द्वार” जैसे कार्यक्रमों को प्रभावी बनाना है, तो प्रशासन को संसाधन और जवाबदेही दोनों सुनिश्चित करनी होंगी।
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जनप्रतिनिधियों की आवाज़ को मिले सम्मान
स्थानीय प्रतिनिधि ही जनता की नब्ज़ जानते हैं। जब वे अपनी समस्याओं को साझा करते हैं, तो सरकार को उन्हें गंभीरता से सुनना चाहिए। यही लोकतंत्र की सच्ची आत्मा है।
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