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महुआडांड में महिला महासभा की महिलाओं ने भावपूर्ण श्रद्धा के साथ माँ भगवती को दी विदाई

#लातेहार #नवरात्र : महुआडांड हिन्दू महिला महासभा की महिलाओं ने आंचल में खोंईचा भरकर और सिंदूर उत्सव मनाकर माँ भगवती को नम आंखों से विदाई दी

नौ दिनों तक चले शारदीय नवरात्र के समापन के अवसर पर महुआडांड हिन्दू महिला महासभा की महिलाओं ने गहरे भाव व्यक्त किए। उन्होंने आंचल में खोंईचा भरकर नम आँखों से माँ भगवती को विदाई दी, जिससे पूरे प्रखंड में भक्ति और श्रद्धा का माहौल बन गया। इसके साथ ही महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर सिन्धूर उत्सव का आनंद भी लिया।

कार्यक्रम का नेतृत्व और आयोजन

इस आयोजन का संचालन महासभा की अध्यक्ष रानी साहू ने किया। उन्होंने कहा कि यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है और नवरात्र के नौ दिन पूरे होने के बाद माँ भगवती को विदाई देना हमारी संस्कृति और भक्ति का प्रतीक है। पूर्व उपप्रमुख सरिता जायसवाल ने भी महिलाओं को आशीर्वाद देते हुए कहा कि इस प्रकार की सामाजिक और धार्मिक भागीदारी से महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ती है।

रानी साहू ने कहा: “हमारे आंचल में खोंईचा भरकर माँ भगवती को नम आंखों से विदाई देना हमारी आस्था का प्रतीक है। यह हमारी परंपरा और भावनाओं को बनाए रखने का प्रयास है।”

महिला सहभागिता और उत्सव

इस अवसर पर महिलाओं ने आपसी सहयोग और भक्ति भावना का परिचय दिया। बड़ी संख्या में महिलाएँ न केवल धार्मिक कर्तव्य निभा रही थीं बल्कि सामाजिक मेलजोल और सांस्कृतिक उत्साह का भी प्रतीक बन रही थीं।

सरिता जायसवाल ने कहा: “इस आयोजन से हमारी संस्कृति संरक्षित होती है और महिलाओं के बीच एकता और सहयोग की भावना भी बढ़ती है।”

भक्ति और सांस्कृतिक संदेश

कार्यक्रम ने पूरे महुआडांड में भक्ति और सांस्कृतिक चेतना को उजागर किया। महिलाओं की सक्रिय भागीदारी और श्रद्धा ने प्रखंड के अन्य नागरिकों को भी प्रेरित किया। इस प्रकार के आयोजनों से पारंपरिक संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का संरक्षण होता है।

न्यूज़ देखो: महुआडांड में महिलाओं की भक्ति और सांस्कृतिक नेतृत्व का उदाहरण

महुआडांड हिन्दू महिला महासभा ने यह साबित कर दिया कि महिलाओं की भागीदारी किसी भी धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान देती है। यह आयोजन महिलाओं की नेतृत्व क्षमता, सांस्कृतिक जागरूकता और सामुदायिक सहभागिता को प्रदर्शित करता है।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक भागीदारी को बढ़ावा दें

धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में भाग लेकर हम अपनी परंपराओं को संरक्षित कर सकते हैं और समुदाय में एकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा दे सकते हैं। आप भी अपने क्षेत्र में इस प्रकार की गतिविधियों में भाग लें, अनुभव साझा करें और समाज में सांस्कृतिक जागरूकता फैलाएं। अपनी राय कमेंट करें, खबर को साझा करें और सकारात्मक सामाजिक प्रभाव डालें।

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