
#पलामू #आरटीआई_अधिनियम : करकटा स्थित पीएम श्री स्तरोन्नत उच्च विद्यालय में आरटीआई अनुरोध को ठुकराने पर ग्रामीण और नागरिकों में गहरी चिंता
- उंटारी रोड प्रखंड अंतर्गत पीएम श्री स्तरोन्नत उच्च विद्यालय करकटा में आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी नहीं दी गई।
- विद्यालय प्राचार्य और संबंधित पदाधिकारी पारदर्शिता से भागते हुए सूचना देने से इनकार कर गए।
- प्रथम अपील करने के बाद भी आपीलीय प्राधिकारी ने जानकारी उपलब्ध नहीं कराई।
- आवेदक ने शिकायत दर्ज कर न्यायालय में कार्रवाई की चेतावनी दी।
- ग्रामीणों ने बताया कि यह स्थिति भ्रष्टाचार को छिपाने और नियमों को दरकिनार करने का संकेत है।
पलामू के करकटा क्षेत्र में पीएम श्री स्तरोन्नत उच्च विद्यालय में आरटीआई अधिनियम का उल्लंघन उजागर हुआ है। ग्रामीणों और नागरिकों की शिकायत पर जब एक आरटीआई कार्यकर्ता ने विद्यालय से जानकारी मांगी, तो प्राचार्य और संबंधित पदाधिकारी इसे स्वीकार नहीं कर पाए। निर्धारित समय सीमा समाप्त होने के बाद आवेदक ने प्रथम अपील की, लेकिन आपीलीय प्राधिकारी द्वारा भी जानकारी नहीं प्रदान की गई। इस मामले ने यह साफ़ कर दिया है कि विद्यालय में आरटीआई कानून केवल कागज़ों तक सीमित रह गया है और उच्च पदाधिकारी निर्देशों की अवहेलना कर रहे हैं।
आरटीआई आवेदन और जवाबदेही में विफलता
आरटीआई कार्यकर्ता ने नियमानुसार विद्यालय के प्रबंधन और प्रशासन से सूचना मांगी थी। आम नागरिकों और ग्रामीणों की शिकायतों को उजागर करने के उद्देश्य से किए गए इस कदम को प्राचार्य और अन्य पदाधिकारियों ने नागवार माना। उन्होंने जानबूझकर सूचना देने से इनकार किया, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही की धज्जियां उड़ गईं।
आवेदक ने कहा: “यदि मांगी गई जानकारी शीघ्र उपलब्ध नहीं कराई गई तो हम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और दोषियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।”
आवेदक ने स्पष्ट रूप से मांग की कि संबंधित प्राचार्य और पदाधिकारियों पर तुरंत विभागीय एवं विधिक कार्रवाई की जाए, विद्यालय में हुए भ्रष्टाचार की स्वतंत्र जांच कर दोषियों को दंडित किया जाए, और आरटीआई अधिनियम को ठेंगा दिखाने वाले पदाधिकारियों पर लोक सेवक आचरण नियमावली के तहत कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित हो।
नागरिकों और ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
स्थानीय नागरिक और ग्रामीण इस स्थिति से चिंतित हैं। उनका कहना है कि ऐसे अधिकारी जनता के विश्वास और लोकतंत्र दोनों के लिए खतरा हैं। आरटीआई कानून का उद्देश्य ही सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है, लेकिन यहां यह कानून मजाक बनकर रह गया है।
न्यूज़ देखो: आरटीआई को दरकिनार करना लोकतांत्रिक अधिकारों पर चोट
यह मामला यह दर्शाता है कि कुछ सरकारी अधिकारी भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए कानून को दरकिनार कर रहे हैं। इससे न केवल नागरिकों का विश्वास हिलता है, बल्कि लोकतंत्र की नींव भी कमजोर होती है। जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करना हर सरकारी पदाधिकारी का कर्तव्य है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जागरूक नागरिक बनें और जवाबदेही की मांग करें
सभी नागरिकों को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना चाहिए और सरकारी पदाधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए आवाज़ उठानी चाहिए। यदि आप भी पारदर्शिता चाहते हैं तो अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और समुदाय में जागरूकता फैलाएं। लोकतंत्र तभी मजबूत होगा जब हम अपने अधिकारों के प्रति सजग और सक्रिय रहेंगे।