Site icon News देखो

बगोदर प्रखंड समिति की बैठक में बिजली पानी और जंगली हाथियों के उत्पात पर गहरी नाराजगी

#गिरिडीह #बगोदर : विभागीय उदासीनता से जनता परेशान जनप्रतिनिधियों ने जताई कड़ी आपत्ति

बगोदर प्रखंड के सभागार में आयोजित पंचायत समिति की बैठक में क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं पर चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रखंड प्रमुख आशा राज ने की, जहां जनप्रतिनिधियों और सदस्यों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी से आम जनता त्रस्त है।

बिजली और पानी की समस्या पर चिंता

बैठक में उपस्थित पंचायत समिति सदस्यों ने कहा कि लगातार शिकायतों के बावजूद बिजली आपूर्ति की स्थिति बेहतर नहीं हुई है। कई इलाकों में लंबे समय तक बिजली कटौती रहती है जिससे पढ़ाई और रोजमर्रा के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। पानी की किल्लत ने भी ग्रामीणों की परेशानियां बढ़ा दी हैं।

जंगली हाथियों से दहशत

ग्रामीणों ने जंगली हाथियों द्वारा फसलों और घरों को नुकसान पहुंचाने का मुद्दा उठाया। कहा गया कि इन हाथियों के हमले से लोग दहशत में जी रहे हैं। लेकिन वन विभाग की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है।

बैठक में सदस्यों ने कहा: “जब तक विभागीय स्तर पर ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक ग्रामीणों की समस्याएं जस की तस बनी रहेंगी।”

विभागीय उदासीनता पर नाराजगी

जनप्रतिनिधियों ने विभाग की चुप्पी और निष्क्रियता पर गहरी नाराजगी जताई। कहा गया कि अगर समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो जनता का विश्वास कम होगा।

बैठक में जिप सदस्य दुर्गेश कुमार, सांसद प्रतिनिधि महेश मिश्रा और विधायक प्रतिनिधि राजू सिंह सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर तय किया कि इन मुद्दों को उच्च स्तर तक पहुंचाया जाएगा और समाधान के लिए लगातार दबाव बनाया जाएगा।

न्यूज़ देखो: जनता की समस्याओं पर ठोस कदम जरूरी

बिजली, पानी और जंगली हाथियों का संकट सिर्फ बगोदर ही नहीं बल्कि पूरे गिरिडीह जिले के लिए गंभीर चुनौती है। पंचायत समिति की बैठक से निकली यह नाराजगी साफ संदेश है कि अब केवल वादों से काम नहीं चलेगा, बल्कि जमीनी स्तर पर ठोस कदम उठाने होंगे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

मिलकर हल तलाशें

अब समय है कि विभाग, जनप्रतिनिधि और आम जनता मिलकर इन समस्याओं का समाधान ढूंढें। जागरूक नागरिक बनें, अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि अधिक से अधिक लोग इस मुद्दे की गंभीरता समझें।

Exit mobile version