#तोरपा #राजनीतिक_बदलाव : बिंतुका पंचायत निवासी सामुएल बुढ़ ने कांग्रेस महासचिव पद से इस्तीफा देकर झामुमो में की एंट्री
- तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया और जिला सचिव सफिक खान ने सामुएल बुढ़ को झामुमो की सदस्यता दिलाई।
- सामुएल बुढ़ पहले प्रखंड कांग्रेस महासचिव पद पर कार्यरत थे।
- सदस्यता कार्यक्रम में झामुमो जिला, केंद्रीय और प्रखंड समिति के कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
- मौके पर महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष रोस प्रतिमा सोरेंग और कई वरिष्ठ नेता उपस्थित हुए।
- इस कार्यक्रम में झामुमो बानो 16 पंचायत कमेटी अध्यक्ष और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल रहे।
बिंतुका पंचायत निवासी सामुएल बुढ़ ने बड़ा राजनीतिक कदम उठाते हुए कांग्रेस से नाता तोड़ दिया और झामुमो का दामन थाम लिया। तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया और झामुमो जिला सचिव सफिक खान ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाते हुए माला और पट्टा पहनाकर स्वागत किया। इस मौके पर झामुमो के जिला, प्रखंड और केंद्रीय समिति के कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे, जिससे यह आयोजन राजनीतिक दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण बन गया।
सामुएल बुढ़ का कांग्रेस से झामुमो तक का सफर
सामुएल बुढ़ लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े रहे और प्रखंड कांग्रेस के महासचिव पद पर कार्यरत थे। लेकिन मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में उन्होंने झामुमो की नीतियों और संगठनात्मक मजबूती को देखते हुए पार्टी बदलने का निर्णय लिया। उनका कहना है कि झामुमो आम जनता की आवाज़ को मजबूती से उठाता है और क्षेत्र के विकास के लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम की खास बातें
इस कार्यक्रम में झामुमो के तमाम बड़े नेताओं ने भाग लिया। उपस्थित नेताओं में महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष रोस प्रतिमा सोरेंग, जिला सचिव सफिक खान, केंद्रीय समिति सदस्य बिरजो कंडुलना, फिरोज अली, नुसरत खातून, सुनिल खेस, प्रखंड प्रमुख सुधीर डांग, प्रखंड अध्यक्ष अनिल लुगुन, उपाध्यक्ष तनवीर हुसैन, तुरतन गुड़िया, आलोक बारला, लोरेंस बागे, सचिव अमित बडिंग, कोषाध्यक्ष जगदीश बागे, उकौली मुखिया कृपा हेमरोम, 20 सूत्री अध्यक्ष विदेशिया बड़ाइक, उपाध्यक्ष मनीर खान, मोहम्मद इमरान, जिला उपाध्यक्ष ओस्कर डांग, अनिल तिर्की, प्रफुल्लित डुंगडुंग, नगर अध्यक्ष अनस आलम, खेल मोर्चा अध्यक्ष देवेन्द्र साहू, संगठन सचिव वकील खान, बीरबल महतो, कुंदन कुमार रजक, चोहंती मिंज और झामुमो बानो 16 पंचायत कमेटी के अध्यक्ष वैभव कुमार शामिल थे।
राजनीतिक समीकरणों पर असर
सामुएल बुढ़ के झामुमो में शामिल होने से बानो प्रखंड और आस-पास के क्षेत्रों में झामुमो को राजनीतिक मजबूती मिलने की संभावना है। कांग्रेस से उनका अलग होना जहां कांग्रेस के लिए झटका है, वहीं झामुमो कार्यकर्ताओं में इसे बड़ी जीत माना जा रहा है। स्थानीय स्तर पर सामुएल बुढ़ की पकड़ और जनाधार झामुमो को आगामी चुनावों में फायदा पहुंचा सकती है।
न्यूज़ देखो: बदलते समीकरणों का संकेत
इस घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि झारखंड की राजनीति में लगातार नए समीकरण बन रहे हैं। कांग्रेस से झामुमो की ओर नेताओं का रुझान विपक्षी दल के लिए खतरे का संकेत है। यह कदम स्थानीय राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है।
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